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कोटा बना छात्रों की उम्मीदों का कब्रिस्तान? मंत्री बोले... ‘अनुशासन रखो, सफलता मिलेगी!’

राजस्थान विधानसभा का सत्र जब शुरू हुआ, तो माहौल आम दिनों जैसा ही था, लेकिन जैसे ही कोटा में बढ़ती छात्र आत्महत्याओं का मुद्दा उठा, सदन में हलचल मच गई।
01:33 PM Feb 20, 2025 IST | Rajesh Singhal

Rajasthan Budget Session: राजस्थान विधानसभा का सत्र जब शुरू हुआ, तो माहौल आम दिनों जैसा ही था, लेकिन जैसे ही कोटा में बढ़ती छात्र आत्महत्याओं का मुद्दा उठा, सदन में हलचल मच गई। यह कोई मामूली बहस नहीं थी, बल्कि उन मासूम सपनों की बात थी, जो समय से पहले बुझ गए।

विधायक शांति धारीवाल ने इस गंभीर विषय को उठाया, जिससे सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए। जवाब देने के लिए मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर खड़े हुए, लेकिन उनका उत्तर विपक्ष को संतोषजनक नहीं लगा। (Rajasthan Budget Session)इसके बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और विधानसभा अध्यक्ष के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई।

हंगामा इतना बढ़ा कि सदन में कुछ देर के लिए कार्यवाही बाधित हो गई। कोटा में आत्महत्या कर रहे छात्रों के परिवारों की पीड़ा गूंज रही थी, लेकिन सवाल यह था.....क्या सरकार के पास कोई ठोस समाधान है? या फिर यह बहस सिर्फ राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तक ही सीमित रह जाएगी?

कोचिंग संस्थानों में काउंसलर हैं या नहीं?

विधानसभा में कोटा में बढ़ते छात्र आत्महत्या के मुद्दे पर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है, लेकिन विपक्ष को इसे पूरी तरह उठाने का अवसर नहीं दिया जा रहा, जो सरासर गलत है।

विधायक शांति धारीवाल ने सरकार से सीधा सवाल किया कि जब केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत कोचिंग संस्थानों में काउंसलर्स और साइकोलॉजिस्ट अनिवार्य कर दिए गए हैं, तो राजस्थान के कोचिंग संस्थानों में इसका कितना पालन हो रहा है? उन्होंने पूछा कि क्या सरकार ने यह जांचने के लिए अपने अधिकारियों को कोचिंग संस्थानों में भेजा कि वहां काउंसलर मौजूद हैं या नहीं?

बिल लागू होने के बाद होगी कार्रवाई

इस सवाल पर मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने जवाब दिया कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है और जल्द ही एक बिल लागू करेगी। इस बिल के पास होते ही कोचिंग संस्थानों में काउंसलर्स और साइकोलॉजिस्ट की मौजूदगी सुनिश्चित की जाएगी।

मंत्री गजेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि अब तक राज्य सरकार द्वारा 27,000 छात्रों की काउंसलिंग करवाई जा चुकी है। साथ ही, प्रदेश में काउंसलर्स और साइकोलॉजिस्ट की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह कदम कोटा में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है।

कोचिंग संस्थानों में अधिकारियों को नहीं भेज सकते

सरकार ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही सख्त नियम लागू कर कोचिंग संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को अनिवार्य किया जाएगा। हालांकि, मंत्री खींवसर ने यह भी कहा कि "जब तक यह बिल पास नहीं हो जाता, हम कोचिंग संस्थानों में अधिकारियों को नहीं भेज सकते। कोचिंग में जाकर दादागिरी करना हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है।"

सरकार के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ और तत्काल कार्रवाई की मांग की। विपक्ष का कहना था कि जब कोटा में छात्र लगातार सुसाइड कर रहे हैं, तो सरकार को जल्द से जल्द कोचिंग संस्थानों पर निगरानी बढ़ानी चाहिए और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सख्ती से लागू करना चाहिए।

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