राजस्थानराजनीतिनेशनलअपराधकाम री बातम्हारी जिंदगीधरम-करममनोरंजनखेल-कूदवीडियोधंधे की बात

विधानसभा में नया मोर्चा! स्पीकर पर डोटासरा के आरोप, मदन राठौड़ बोले... कांग्रेस सदन को बंधक बनाना चाहती है!

सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तनातनी अपने चरम पर पहुंच गई है, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है।
01:15 PM Feb 27, 2025 IST | Rajesh Singhal

Rajasthan Budget Session: राजस्थान विधानसभा में राजनीतिक गतिरोध लगातार बना हुआ है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तनातनी अपने चरम पर पहुंच गई है, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है। इस राजनीतिक घमासान के केंद्र में अब विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भी आ गए हैं, जिन पर कांग्रेस ने मर्यादा भंग करने के आरोप लगाए हैं।

कांग्रेस का कहना है कि स्पीकर निष्पक्ष भूमिका निभाने में विफल रहे हैं, जबकि बीजेपी इसे विपक्ष की सोची-समझी रणनीति करार दे रही है। इसी बीच, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सदन को हाईजैक करने की कोशिश कर रहे हैं। (Rajasthan Budget Session)उनका आरोप है कि कांग्रेस लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को बाधित कर रही है और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को भी बोलने नहीं दिया जा रहा है।

राजस्थान की सियासत में इस नए विवाद ने माहौल को और गरमा दिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या विधानसभा का गतिरोध टूटेगा, या फिर यह राजनीतिक संग्राम और तेज होगा?

"पिछली सरकार तो अंदरूनी झगड़ों में उलझी रही"

राठौड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी तीखा तंज कसते हुए कहा, "गहलोत सरकार का पूरा कार्यकाल आपसी खींचतान में बीता। विधायकों को होटलों में रखा गया, मंत्री ही आपस में लड़ते रहे और जनता की सुध किसी ने नहीं ली। अब वही कांग्रेस विधानसभा में हंगामा कर रही है।" उन्होंने दावा किया कि गहलोत सरकार के समय कानून व्यवस्था चरमराई हुई थी, लेकिन अब पुलिस मजबूती से काम कर रही है।

"तीन लोग गए थे, फिर छह का निलंबन क्यों?"

पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि जब केवल तीन विधायक ही स्पीकर के पास गए थे, तो छह को निलंबित करने का आधार क्या था? उन्होंने कहा, "हमारी मांग सिर्फ मंत्री की अशोभनीय टिप्पणी को कार्यवाही से हटाने की थी। अगर यही विरोध लोकतंत्र में गलत है, तो फिर लोकतंत्र का मतलब क्या रह गया?"

 "बिना मौजूदगी के टिप्पणी क्यों?"

कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने बिना किसी प्रमाण, रिकॉर्डिंग या वीडियो के कांग्रेस विधायकों पर कार्रवाई की। डोटासरा ने कहा, "एक स्पीकर का काम निष्पक्ष रहकर सदन का संचालन करना होता है, लेकिन यहां सत्ता के इशारों पर फैसले लिए जा रहे हैं।"

लोकतंत्र या राजनीतिक लड़ाई? 

राजस्थान विधानसभा अब राजनीतिक अखाड़ा बन चुकी है। जहां कांग्रेस इसे लोकतंत्र पर हमले की संज्ञा दे रही है, वहीं बीजेपी इसे विपक्ष का नाटक बता रही है। सवाल यह है कि यह गतिरोध कब तक चलेगा? क्या दोनों पक्षों के बीच कोई समझौता होगा, या फिर राजस्थान की राजनीति में यह विवाद और गहराएगा?

यह भी पढ़ें: राजस्थान विधानसभा में हंगामा! स्पीकर देवनानी फूट-फूटकर रोए, बोले- ऐसा अपमान कभी नहीं सहा..

यह भी पढ़ें: सदन में कुर्सियां खाली, राजनीति गरम! गहलोत बोले…सरकार का रवैया अड़ियल, विपक्ष से बात तक नहीं कर रही

 

Tags :
BJP vs Congress RajasthanCongress Boycott Rajasthan AssemblyGovind Dotasara controversyRajasthan Assembly ClashRajasthan BJP president madan rathoreRajasthan Political Crisisकांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासराभाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़भाजपा बनाम कांग्रेस विवादराजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानीराजस्थान विधानसभा बजट सत्रराजस्थान विधानसभा हंगामाविधानसभा अध्यक्ष पर विवाद
Next Article