Rajasthan Budget: दिया कुमारी का मास्टरस्ट्रोक! पुजारियों को राहत, ट्राइबल टूरिज्म के लिए करोड़ों का बजट पास
Rajasthan Budget 2025: राजस्थान सरकार ने धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए 975 करोड़ रुपये के बजट का ऐलान किया है। इस योजना के तहत धार्मिक स्थलों के विकास, पुजारियों के मानदेय में वृद्धि और नए पर्यटन सर्किट के निर्माण पर फोकस किया गया है। आदिवासी बहुल क्षेत्रों में धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ रुपये की लागत से ट्राइबल टूरिस्ट सर्किट विकसित किया जाएगा। इस योजना में मानगढ़ धाम, गोतमेश्वर मंदिर, बेणेश्वर धाम, कुंभलगढ़ और झाड़ोल क्षेत्र को शामिल किया गया है।
सरकार ने धार्मिक स्थलों पर सेवा देने वाले पुजारियों का मानदेय बढ़ाकर 7000 रुपये करने की घोषणा की है। इसके अलावा, मंदिरों में भोग के लिए 3000 रुपये अतिरिक्त राशि दी जाएगी, (Rajasthan Budget 2025)जिससे धार्मिक स्थलों की देखरेख बेहतर हो सके।
सरकार की वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना को और विस्तार दिया गया है। 6000 बुजुर्गों को हवाई यात्रा और 50,000 बुजुर्गों को एसी ट्रेनों से मुफ्त तीर्थ यात्रा कराई जाएगी। इस योजना से वरिष्ठ नागरिकों को उनके श्रद्धेय धार्मिक स्थलों के दर्शन कराने में मदद मिलेगी।
राजस्थान में पहली बार बनेगा "राम मंदिर म्यूजियम"
प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को नई पहचान देने के लिए राम मंदिर म्यूजियम बनाने की योजना बनाई गई है। इस म्यूजियम में भगवान श्रीराम से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाओं, परंपराओं और धार्मिक धरोहरों का संग्रह किया जाएगा। सरकार जल्द ही इसके लिए जगह चिन्हित करेगी।
सरकार ने 50 करोड़ रुपये के बजट के साथ गोविंद देवजी कला महोत्सव के आयोजन की घोषणा की है। यह महोत्सव पूरे वर्ष चलेगा और इसमें धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिससे राज्य की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा मिलेगा।
प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 825 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इसमें मंदिरों, गुरुद्वारों, मस्जिदों और चर्चों के विकास कार्य किए जाएंगे।
धार्मिक स्थलों को जोड़ने के लिए नई सड़कों का निर्माण
श्रद्धालुओं की यात्रा को आसान बनाने के लिए धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाली नई सड़कों के निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इससे प्रमुख मंदिरों और तीर्थ स्थलों तक सुगम पहुंच बनाई जाएगी।
राज्य सरकार ने श्री अन्न (मोटे अनाज) को बढ़ावा देने के लिए इसे मंदिरों में भोग प्रसाद के रूप में उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। मिड-डे मील योजना और आंगनबाड़ी केंद्रों में भी बाजरा उत्पादों को शामिल किया जाएगा।
राजस्थान सरकार की ये घोषणाएं न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देंगी, बल्कि रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देंगी। इन योजनाओं के जरिए राज्य को देश और दुनिया के धार्मिक पर्यटन के केंद्र के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
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