Rajasthan Budget:'भाजपा सरकार में घमासान! किरोड़ी लाल मीणा बने मुसीबत, जूली बोले- युवाओं को ठगने वाला बजट!
Rajasthan Budget 2025: राजस्थान की सियासत में बजट सत्र के बाद बयानबाज़ी का दौर तेज़ हो गया है। सत्ता पक्ष अपने बजट को ऐतिहासिक और विकासोन्मुखी बता रहा है, तो वहीं विपक्ष इसे महज आंकड़ों का खेल करार दे रहा है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार के बजट को लेकर तीखा हमला बोला है। टीकाराम जूली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बजट किसी भी सरकार का रोडमैप होता है, लेकिन इस सरकार ने जो बजट पेश किया, वह महज़ खोखले वादों का पुलिंदा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बजट पेश करने के बाद सरकार प्रेस कॉन्फ्रेंस में जवाब देने तक से बचती रही।
जूली ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि अब तक उन्होंने कोई ऐसी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की, जिसमें वे पत्रकारों के सवालों का सामना कर सके। (Rajasthan Budget 2025)उन्होंने कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति खराब होती जा रही है, क्योंकि सरकार अपने ही बजट में तय किए गए राजस्व लक्ष्यों को हासिल करने में असफल रही है। इससे प्रदेश पर कर्ज़ बढ़ता जा रहा है, जिसका बोझ जनता को उठाना पड़ेगा।
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर आंकड़ों की बाज़ीगरी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की जनता को सिर्फ घोषणाओं से बहलाया जा रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। विपक्ष ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इस पर स्पष्ट जवाब नहीं दिया तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
अब तक शुरू नहीं हुई रिफायनरी
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार की घोषणाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले बजट में मुख्यमंत्री ने 50% घोषणाएं पूरी करने का दावा किया था और इस साल यह आंकड़ा 58% बताया जा रहा है। इसका मतलब है कि पूरे साल में केवल 8% घोषणाएं ही पूरी हुईं, जो सरकार की धीमी कार्यशैली को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने रिफाइनरी परियोजना को 31 दिसंबर तक शुरू करने का वादा किया था, फिर इसे अप्रैल तक बढ़ाया गया और अब अगस्त की नई तारीख दे दी गई है।
''यह युवाओं के साथ धोखा''
जूली ने बजट को लोकलुभावन करार देते हुए कहा कि सरकार विशेष रूप से युवाओं के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के विधानसभा में उपस्थित ना होने को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि किरोड़ी जी इस सरकार के लिए गले की फांस बन गए हैं। जब कृषि बजट पढ़ा जा रहा था, तब उनका वहां होना जरूरी था। उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जो कृषि मंत्री खुद इस्तीफा दे चुका हो और अपने फोन टैपिंग के आरोप लगा चुका हो, तो फिर सरकार इस मामले में कोई ठोस फैसला क्यों नहीं ले रही?
सरकार के पास पेंशन... सैलरी के पैसे नहीं
सरकार की वित्तीय स्थिति पर सवाल उठाते हुए जूली ने कहा कि सरकार के पास पेंशन और सैलरी देने के लिए पर्याप्त धन नहीं है और वह केवल बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने न्यूनतम आय गारंटी कानून लागू किया था, जिसमें हर साल पेंशन बढ़नी थी। इस बार यह पेंशन 1300 रुपये होनी चाहिए थी, लेकिन इसे सिर्फ 1250 रुपये किया गया, जो जनता के साथ अन्याय है।
RUHS में नियमित वीसी भी नहीं लगा पाए
टीकाराम जूली ने कहा कि खाटूश्यामजी के लिए 100 करोड़ रुपये की घोषणा की गई थी, लेकिन उसमें भी कोई काम नहीं हुआ। राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस खोलने की बात की गई थी, लेकिन सरकार RUHS में एक नियमित वाइस चांसलर तक नियुक्त नहीं कर पाई। उन्होंने कहा कि किसान सम्मान निधि को 12 हजार रुपये करने का वादा किया गया था, लेकिन यह वादा पूरा नहीं हुआ। यह किसानों के साथ धोखा है।
एससी-एसटी फंड में भी कोई खर्च नहीं
जूली ने कहा कि पिछले बजट में 1500 करोड़ रुपये की घोषणा अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण के लिए की गई थी, लेकिन इसमें एक रुपये का भी खर्च नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि यह सरकार सिर्फ घोषणाएं कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं कर रही, जिससे आम जनता, किसान और युवा खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
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