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राजस्थान में बाघों के साथ नजर आएंगे चीते, कूनो नेशनल पार्क से इस टाइगर रिजर्व को जोड़ने की घोषणा

Cheetah in Rajasthan Forest कोटा। भजनलाल सरकार ने राजस्थान के वन्यजीव प्रेमियों की राजस्थान में रहते हुए चीते देखने की हसरत पूरी करने का प्लान लगभग तैयार कर लिया है। भजनलाल सरकार ने मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से...
12:48 PM Jul 11, 2024 IST | Amit Jha

Cheetah in Rajasthan Forest कोटा। भजनलाल सरकार ने राजस्थान के वन्यजीव प्रेमियों की राजस्थान में रहते हुए चीते देखने की हसरत पूरी करने का प्लान लगभग तैयार कर लिया है। भजनलाल सरकार ने मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से राजस्थान के हाड़ौती संभाग के जंगलों को टाइगर रिजर्व को जोड़ने के लिए कॉरिडोर की घोषणा की है।

राजस्थान में बाघों के साथ नजर आएंगे चीते

इस घोषणा के बाद अब प्रदेश के जंगलों में और यहां के टाइगर रिजर्व में बाघों के साथ-साथ यहां पर आने वाले समय में चीते भी देखे जाएंगे। मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में भारत सरकार ने चीते बसाए थे। जो पिछले 6 माह में राजस्थान के बारां जिले के केलवाड़ा में अग्नि और करौली जिले की रणकपुर रेंज में चीता आ गए थे। कई बार राजस्थान के रणथंभौर टाइगर रिजर्व से निकलकर बाग मध्य प्रदेश आज जा चुके हैं। ऐसे में वन्यजीव की सुरक्षा को लेकर एक कॉरिडोर विकसित करना बेहद जरूरी हो गया था और उस पर राजस्थान सरकार ने बजट घोषणा के साथ काम शुरू कर दिया है।

कॉरिडोर में दोनों राज्यों के 8 सेंचुरी को जोड़ने का प्लान

भजन सरकार ने प्रदेश के बजट में मध्यप्रदेश के गांधी सागर और राजस्थान के भैंसरोडगढ़, चंबल घड़ियाल को उन्होंने नेशनल पार्क से जोड़ते हुए चीते के विचरण का कॉरिडोर बनाने की घोषणा (Cheetah in Rajasthan Forest) की है। इस कॉरिडोर में राजस्थान और मध्यप्रदेश के 8 सेंचुरी गांधी सागर, मुकुंदरा टाइगर रिजर्व, रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, रणथंभौर टाइगर रिजर्व, भैंसरोडगढ़ सेंचुरी, चंबल घड़ियाल सेंचुरी, शेरगढ़ सेंचुरी, कूनो नेशनल पार्क को आपस में कनेक्ट किया जाएगा।

2000 वर्ग किलोमीटर का बायोस्फीयर रिजर्व होगा विकसित

दोनों राज्यों के जंगल को जोड़कर कॉरिडोर बनाने से करीब 2 हजार वर्ग किलोमीटर में बायोस्फीयर रिजर्व एरिया विकसित होगा। एक्सपर्ट बताते हैं कि यह ऐसा क्षेत्र होगा। जहां पर्यटक एक साथ टाइगर और चीते देख सकेंगे। वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट धर्मेंद्र खांडल ने मीडिया से जानकारी साझा करते हुए कहा इस कॉरिडोर को झालावाड़ से शाहाबाद होते हुए कूनो से जोड़ा जा सकता है। बारां जिले के शाहाबाद में कूनो नेशनल पार्क से चीते आते जाते रहते हैं।

कोटा के वन्य जीव विभाग के डीसीएफ अनुराग भटनागर ने मीडिया से जानकारी साझा करते हुए कहा कि इन सेंचुरी को जोड़कर कॉरिडोर बनाना हाडोती ही नहीं प्रदेश के लिए अच्छी बात है। पर्यटन तेजी से क्षेत्र में विकसित होगा और जंगल संरक्षित होंगे।

दोनों राज्यों के सीएम के बीच कॉरिडोर को लेकर चर्चा

बजट में घोषणा की गई कॉरिडोर को लेकर 30 जून को मध्यप्रदेश में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव और भजनलाल शर्मा के बीच चर्चा हो गई थी। राजस्थान के रणथंभौर टाइगर रिजर्व के बाघ निकलकर मध्यप्रदेश चले जाते हैं और मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) से चीते निकलकर राजस्थान की सीमा में दाखिल हो जाते हैं।

दोनों वन्यजीव की सुरक्षा को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के सामने प्रस्ताव रखा था, "चीते की सुरक्षा आप कर लो। टाइगर की सुरक्षा हम कर लेंगे।"

बजट में कॉरिडोर की घोषणा

ऐसे में दोनों राज्यों के बीच तय हुआ कि राजस्थान के जंगलों में आए चीते की सुरक्षा राजस्थान करेगा। मध्यप्रदेश के जंगल में पहुंचे हुए टाइगर की सुरक्षा मध्यप्रदेश करेगा। मध्य प्रदेश के सीएम ने कहा था कि बायोडायवर्सिटी का लाभ दोनों राज्य एक दूसरे से कैसे उठा सकते हैं। इस पर भी काम करने की जरूरत है। अब भजनलाल सरकार ने इस बजट में कॉरिडोर की घोषणा कर दी है।

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