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Rajasthan: 17 जिलों में BJP जिलाध्यक्षों की नियुक्ति अटकी! इनमें CM भजनलाल, पूर्व सीएम राजे के निर्वाचन क्षेत्र भी

राजस्थान में भाजपा जिलाध्यक्षों के चुनाव में लगातार देरी हो रही है, अभी तक 17 जिलों में जिलाध्यक्ष नहीं बन पाए हैं।
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Rajasthan BJP Election: राजस्थान में भाजपा को नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति का इंतजार है, मगर यह इंतजार लगातार लंबा हो रहा है। (Rajasthan BJP Election) इसकी वजह भाजपा जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में देरी है। राजस्थान में भाजपा अभी तक 17 जिलों में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं कर पाई है। जिसकी वजह से प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी हो रही है। खास बात ये है कि जिन जिलों में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति अटकी है, उनमें कुछ जिले दिग्गज नेताओं के निर्वाचन क्षेत्र हैं।

17 जिलों में नहीं बने भाजपा जिलाध्यक्ष

राजस्थान में भाजपा जिलाध्यक्षों के चुनाव में देरी का असर प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव पर पड़ रहा है। तमाम कोशिशों के बावजूद भाजपा अभी तक 17 जिलों में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति नहीं कर पाई है। हाालांकि जिलाध्यक्ष से पहले बूथ और मंडल अध्यक्षों के चुनाव में भी पार्टी को काफी मशक्कत करनी पड़ी। लेकिन, आखिरकार 27 जिलों में भाजपा ने पहले बूथ, फिर मंडल और फिर जिलाध्यक्ष के चुनाव करा लिए। मगर 17 जिलों में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति प्रक्रिया अभी भी अटकी है।

दिग्गजों के क्षेत्र में जिलाध्यक्ष चुनने में देरी

राजस्थान में भाजपा जिलाध्यक्षों के चुनाव में देरी वाले जिलों में जयपुर शहर-देहात, जोधपुर, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, करौली, दौसा, टोंक, सवाईमाधोपुर, झुंझुनूं, डूंगरपुर, झालावाड़, बारां, बूंदी, प्रतापगढ़ शामिल हैं। खास बात ये है कि इनमें कई जिले ऐसे हैं, जो भाजपा के दिग्गज नेताओं के निर्वाचन क्षेत्र हैं। मसलन झालावाड़ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का निर्वाचन क्षेत्र है, तो सवाईमाधोपुर जिला भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी मीना का निर्वाचन क्षेत्र है। मगर यहां भाजपा जिलाध्यक्षों के चुनाव नहीं हो पाए हैं।

क्यों अटकी जिलाध्यक्षों की नियुक्ति?

राजस्थान भाजपा में संगठन चुनावों में शुरुआत से ही देर हो रही है। बूथ और मंडल अध्यक्षों के चुनाव के बाद भाजपा ने जैसे तैसे 27 जिलों में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति कर दी। मगर अब भी 17 जिलों में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति अटकी है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह सहमति को माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि इन जिलों में जिलाध्यक्ष के लिए कई नाम दौड़ में हैं, मगर किसी एक नाम पर सर्व सहमति नहीं बन पा रही है। जिससे जिलाध्यक्ष के चुनाव में देरी हो रही है।

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