राजस्थान विधानसभा में हंगामा! स्पीकर देवनानी फूट-फूटकर रोए, बोले- ऐसा अपमान कभी नहीं सहा..
Rajasthan Assembly Speaker Vasudev Devnani: राजस्थान विधानसभा का सत्र एक भावुक मोड़ पर आ गया, जब सदन के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए फूट....फूटकर रो पड़े। लोकतंत्र के मंदिर में इस तरह का दृश्य कम ही देखने को मिलता है, जब एक स्पीकर खुद पर लगे आरोपों से इतना आहत हो जाए कि उनकी आवाज भर आए और आंखें नम हो जाएं।सदन में बोलते हुए देवनानी ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा, "मैं भी पांच बार से इस सदन का हिस्सा हूं, लेकिन आज तक ऐसा व्यवहार नहीं देखा। मैंने कभी पक्षपात नहीं किया, फिर भी जब मेरे प्रति अनादर दिखाया जाता है तो दुख होता है।" (Rajasthan Assembly Speaker Vasudev Devnani)देवनानी की भावनाएं तब और अधिक उमड़ पड़ीं जब उन्होंने यह तक कह दिया कि "मुझे भी लगने लगा है कि वह (डोटासरा) विधायक बनने के योग्य नहीं हैं, लेकिन इसका फैसला मैं सदन पर छोड़ता हूं।"
राजस्थान विधानसभा में भावुक हुए स्पीकर वासुदेव देवनानी
स्पीकर ने कहा - "मेरे लिए जिस तरह का शब्दों का इस्तेमाल किया गया उनसे पीड़ा होना स्वाभाविक है, मैं इस कुर्सी पर ऐसे शब्द सुनने के लिए नहीं आया हूं"@RajAssembly @VasudevDevnani @INCRajasthan @GovindDotasra @TikaRamJullyINC… pic.twitter.com/NROfgYEzTV
— Rajasthan First (@Rajasthanfirst_) February 25, 2025
इंदिरा गांधी पर टिप्पणी से शुरू हुआ विवाद
राजस्थान विधानसभा में बीते पांच दिनों से जारी गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर मंत्री की टिप्पणी के बाद शुरू हुआ यह विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कांग्रेस विधायकों ने सोमवार को सदन से धरना तो खत्म कर दिया, लेकिन अब वे निलंबित विधायकों की बहाली और मंत्री अविनाश गहलोत से माफी की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि जब तक यह दोनों मांगें पूरी नहीं होतीं, वे सदन की कार्यवाही नहीं चलने देंगे।
कांग्रेस विधायकों की बहाली पर गतिरोध
सोमवार को सदन में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के स्पष्ट रूप से माफी नहीं मांगने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बातचीत के रास्ते भी बंद हो गए। इस विवाद में अब एक नया मोड़ तब आ गया जब स्पीकर वासुदेव देवनानी ने खुद को अपमानित महसूस किया और उनके प्रति आपत्तिजनक शब्दों का मुद्दा भी गरमाने लगा।
सदन में फिर डेडलॉक की स्थिति
सोमवार को दिनभर चली कार्यवाही के बाद भी जब गतिरोध नहीं सुलझा, तो सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। इस दौरान डोटासरा की ओर से स्पीकर को लेकर की गई टिप्पणी से मामला और उलझ गया। इसका नतीजा यह हुआ कि छह निलंबित विधायकों की बहाली की प्रक्रिया भी अटक गई और सदन में गतिरोध और गहरा गया।
सदन से बाहर हो गए निलंबित विधायक
सोमवार को ही कांग्रेस के सभी निलंबित विधायक सदन से बाहर चले गए, जिससे अब उनके दोबारा सदन में प्रवेश का रास्ता भी फिलहाल बंद हो गया है। अब देखना यह होगा कि क्या सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच किसी समझौते की स्थिति बनती है या यह गतिरोध आगे भी जारी रहेगा।
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