शिक्षकों के तबादलों पर मचा बवाल! शिक्षा मंत्री बोले...जल्द मिलेगी खुशखबरी, प्रक्रिया अंतिम चरण में!
Rajasthan Assembly Budget Session: राजस्थान में थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादलों को लेकर असमंजस बना हुआ है। जब अन्य विभागों में ट्रांसफर शुरू किए जा चुके हैं, तो फिर शिक्षकों के लिए यह इंतजार कब खत्म होगा? इसी सवाल ने प्रदेश में हलचल मचा दी है। तबादलों पर लगी रोक से शिक्षकों में असंतोष बढ़ता जा रहा है, और अब उनकी नजरें सरकार के फैसले पर टिकी हैं। (Rajasthan Assembly Budget Session ) विधानसभा के प्रश्नकाल में जब यह मुद्दा उठा, तो शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को जवाब देना पड़ा।
बीजेपी विधायक कैलाश वर्मा ने सरकार से सीधा सवाल दागा....क्या थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले होंगे या नहीं? इसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने जो कहा, उसने उम्मीदें बढ़ाईं या और संशय पैदा कर दिया? आइए जानते हैं सरकार का रुख!
मंत्रिमंडल की बैठक में नहीं हुई चर्चा
विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादलों का मुद्दा उठा। भाजपा विधायक कैलाश वर्मा ने सरकार से पूछा कि आखिर राजस्थान में थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले कब होंगे? इस पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने जवाब दिया कि अब तक इस विषय पर मंत्रिमंडल की बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि आगे इस मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है, जिसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
ट्रांसफर नीति पर मंथन जारी
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने स्पष्ट किया कि तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले पर मंत्रिमंडल में विचार होना प्रस्तावित है और जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह मंत्रिमंडल की सहमति से ही होगा। उन्होंने यह भी बताया कि डार्क जोन में लंबे समय से कार्यरत थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले पर अभी विचार किया जाना बाकी है। इसके अलावा, प्रशासनिक विभाग में भी स्थानांतरण पर रोक लगी हुई है।
मदन दिलावर ने कहा कि शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर नीति बनाने की प्रक्रिया जारी है। इसके लिए शैक्षिक संगठनों से विचार और सुझाव आमंत्रित किए जा रहे हैं, ताकि एक उचित ट्रांसफर पॉलिसी बनाई जा सके।
"घोषणापत्र का वादा झूठा?"
इस पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में ट्रांसफर नीति लागू करने का वादा किया था, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के पास इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं है, जिससे शिक्षकों में असमंजस और निराशा बढ़ रही है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार इस मुद्दे पर कब तक कोई ठोस निर्णय लेती है और शिक्षकों के तबादले का रास्ता कब साफ होता है।
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