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सदन में हंगामा! विधायक ने लाउडस्पीकर के मामले में कार्रवाई की मांग की, बढ़ी राजनीतिक गर्मी

राजस्थान विधानसभा में लाउडस्पीकर पर उठे विवाद ने अब एक नया राजनीतिक मोड़ ले लिया है। विधायक अशोक कुमार कोठारी द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद....
04:24 PM Mar 20, 2025 IST | Rajesh Singhal

Rajasthan Assembly Budget Session: राजस्थान विधानसभा में लाउडस्पीकर पर उठे विवाद ने अब एक नया राजनीतिक मोड़ ले लिया है। विधायक अशोक कुमार कोठारी द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद, विपक्ष ने सरकार पर ढुलमुल रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कई राज्य जहां लाउडस्पीकरों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं, वहीं राजस्थान सरकार इस मामले में चुप है। (Rajasthan Assembly Budget Session)इसके साथ ही विपक्षी नेता यह भी कह रहे हैं कि यदि सरकार ने इस मुद्दे पर जल्द कोई कदम नहीं उठाया तो वे इस आंदोलन को और तेज करेंगे।

बीजेपी विधायक की अगुवाई में लाउडस्पीकर का विरोध

बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य ने लाउडस्पीकर के खिलाफ खुलकर अपनी आवाज उठाई है और सरकार से मांग की है कि धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित किया जाए। आचार्य का कहना है कि प्रदेश में लाउडस्पीकर से हो रही परेशानियों के कारण आम लोग मानसिक दबाव और स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। उनके इस बयान ने धार्मिक तनाव को और बढ़ा दिया है, क्योंकि यह मुद्दा अब न केवल ध्वनि प्रदूषण बल्कि धार्मिक स्थलों पर आवाज़ की स्वतंत्रता के अधिकार से भी जुड़ चुका है।

अस्पतालों की स्थिति पर विपक्ष का गंभीर हमला

विधायक बालमुकुंद आचार्य ने पंडित दीनदयाल चिकित्सालय की व्यवस्थाओं पर भी तीखा हमला बोला है। उनका कहना था कि अस्पताल में सुविधाओं की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं की गिरती गुणवत्ता के कारण जनता को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि अस्पतालों में जरूरी स्टाफ की नियुक्ति की जाए और संसाधनों की बढ़ोतरी की जाए, ताकि आम जनता को बेहतर इलाज मिल सके। यह बयान विपक्ष के लिए एक और हमला था, जो पहले ही स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा था।

राजनीतिक शतरंज में किंग की चाल? 

राजस्थान विधानसभा में लाउडस्पीकर और स्वास्थ्य सेवाओं के मुद्दे पर जो राजनीतिक चर्चा शुरू हुई है, उसने राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ लिया है। विपक्ष ने इस मुद्दे को अपनी राजनीतिक शक्ति को मजबूत करने के लिए उठाया है, और यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि सरकार पर दबाव बना रहे। यह आरोप लगाते हुए कि सरकार इन गंभीर मुद्दों को नजरअंदाज कर रही है, विपक्ष जनता के बीच सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रहा है।

लाउडस्पीकर विवाद...

विपक्ष के नेता अब इस मुद्दे को और ज्यादा तूल देने के लिए तैयार हैं। उनका कहना है कि जब तक सरकार लाउडस्पीकर की आवाज़ को नियंत्रित करने और अस्पतालों की स्थिति में सुधार करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक इस मुद्दे पर प्रदर्शन और आंदोलन जारी रहेंगे। इसके साथ ही, विपक्ष यह भी कह रहा है कि सरकार की नीतियों में सुधार की जरूरत है, ताकि राज्य में आम आदमी की समस्याओं का समाधान किया जा सके।

मुख्यमंत्री गहलोत...सरकार के बीच बढ़ी खाई

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार पर विपक्ष ने एक और हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को अब अपने प्रशासन को सुधारने की जरूरत है, ताकि जनता की आवाज़ सुनी जा सके। गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार के खिलाफ विरोध बढ़ता जा रहा है, और अब विपक्ष ने अपने अगले कदम के रूप में धरना-प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी है। इससे स्पष्ट होता है कि यह मुद्दा केवल विधानसभा तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सड़क पर भी यह राजनीतिक आंदोलन का रूप ले सकता है।

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