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भजनलाल सरकार को 'सुप्रीम' राहत, 23000 खनन पट्टे नहीं होंगे बंद...15 लाख लोगों का जुड़ा है रोज़गार

Bhajanlal Government: राजस्थान में खनन संचालन को लेकर भजनलाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. मिली जानकारी के मुताबिक नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने अस्थायी रोक लगाते राजस्थान सरकार को बड़ी राहत...
04:54 PM Nov 12, 2024 IST | Rajasthan First

Bhajanlal Government: राजस्थान में खनन संचालन को लेकर भजनलाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. मिली जानकारी के मुताबिक नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने अस्थायी रोक लगाते राजस्थान सरकार को बड़ी राहत दी है जहां अदालत ने राजस्थान में खनन संचालन की वैधता को 31 मार्च 2025 तक बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. मालूम हो कि खनन संचालन को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के एक आदेश को लेकर राजस्थान सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी.

दरअसल NGT ने बीते दिनों प्रदेश में 23000 खानों के पट्टों को बंद यानि खनन रोकने के आदेश दिए थे. एनजीटी ने बताया था कि इन पट्टों में खनन के दौरान पर्यावरण के नियमों की अवहेलना हो रही है इसलिए यहां खनन रोक दिया जाए. वहीं भजनलाल सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर कहा था कि इस मामले में जल्द सुनवाई की जाए.

3 हफ्ते में लेनी होगी SEIAA से मंजूरी

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने जिला स्तरीय पर्यावरणीय प्रभाव आकलन प्राधिकरणों (DEIAA) से मंजूरी लेने के अलावा खनन पट्टा चलाने वालों को 3 हफ्तों के अंदर राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (SEIAA) के लिए आवेदन करने का आदेश दिया है. बता दें कि राजस्थान सरकार और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF) ने कोर्ट में खनन पट्टों को बंद नहीं करने के लिए कई तर्क दिए जिसे मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने सुना और खनन पट्टों को बंद नहीं करने का फैसला दिया.

15 लाख लोगों का जुड़ा रोजगार

बता दें कि भजनलाल सरकार ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि इन खनन पट्टों से करीब 15 लाख लोगों का रोजगार जुड़ा है ऐसे में अगर ये खान बंद होती है तो लाखों लोगों की रोजी-रोटी पर संकट आ जाएगा. इसके अलावा भजनलाल सरकार ने पर्यावरण से जुड़े सभी मापदंडों और नियमों को पूरा करने के लिए अदालत से 1 साल के समय की भी डिमांड की है.

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