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PTI exam fraud: पीटीआई भर्ती परीक्षा, पास हुए आधे अभ्यर्थी डॉक्युमेंट्स जांच के घेरे में, फर्जी डिग्री का मामला

PTI exam fraud जयपुर। राजस्थान में पीटीआई भर्ती परीक्षा 2021 मामले में नया मोड़ आ गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने फर्जी दस्तावेजों का वेरिफिकेशन पूरा कर लिया है। अब चयनित 5546 अभ्यर्थियों में से 2200 के दस्तावेज जांच के...
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PTI exam fraud जयपुर। राजस्थान में पीटीआई भर्ती परीक्षा 2021 मामले में नया मोड़ आ गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने फर्जी दस्तावेजों का वेरिफिकेशन पूरा कर लिया है। अब चयनित 5546 अभ्यर्थियों में से 2200 के दस्तावेज जांच के दायरे में हैं। बताया जाता है कि विश्वविद्यालय और दलालों की मिली भगत के कारण दो हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में आ गया है।

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने पूरी की जांच

राजस्थान में पेपरलीक और प्रतियोगी परीक्षाओं में फर्जीवाड़े की खबरें लगातार आ रहीं हैं। इसी सिलसिले में पीटीआई भर्ती में बड़े स्तर पर हुए फर्जीवाड़े के मामले में भी नया मोड़ आ गया है। कांग्रेस सरकार के शासन में 5546 पदों पर पीटीआई की भर्ती हुई थी। दस्तावेजों की जांच से पता चला कि करीब 2200 अभ्यर्थियों ने फर्जी डॉक्युमेंट लगाकर नौकरी हासिल कर ली। कर्मचारी चयन बोर्ड ने जांच का जिम्मा माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को दे दिया। जांच के बाद कर्मचारी चयन बोर्ड ने साफ कर दिया है कि 2200 अभ्यर्थियों के दस्तावेज फर्जी हैं और उन पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

विस्वविद्यालयों और दलालों की मिली भगत

दरअसल, विश्वविद्यालयों और दलालों की मिलीभगत के कारण पीटीआई परीक्षा में बड़ी संख्या में फर्जी डिग्री के आधार पर अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। फर्जी दस्तावेजों वाले हजारों छात्र परीक्षा पास कर गए। इस तरह के चयन का सबसे बड़ा कारण यही रहा कि डिग्रियों की जांच सही तरीके से नहीं की गई। अब कर्मचारी चयन आयोग ने फर्जी डिग्रियों के वेरिफिकेशन की जांच पूरी कर ली है। ऐसे में जिन अभ्यर्थियों ने फर्जी दस्तावेज जमा किए थे, उनके रिजल्ट पर तलवार लटकी है।

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कैसे हुई गड़बड़ी

गौरतलब है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की टीम ने जांच के दौरान विश्वविद्यालयों से डिग्री लेने तक की जानकारी ली। उधर, विश्वविद्यालयों ने दलालों से मिलकर डिग्रियों को सही बता दिया। इस खेल में अभ्यर्थी के एनरोलमेंट नंबर, ट्रेनिंग में उपस्थिति का रिकॉर्ड , फीस की स्थिति की जानकारी नहीं ली गई। यहां तक की इसकी भी जानकारी नहीं ली गई कि छात्रों ने ट्रेनिंग कहां से ली। अब एसओजी को जांच में पता चला है कि इनमें से कई अभ्यर्थियों के दस्तावेज फर्जी हैं।

एसओजी के जाल में फंसे फर्जीवाड़ा करने वाले

पीटीआई भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की जांच स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप ने शुरू की। एसओजी ने एक डिकॉय ऑपरेशन कर 16 अप्रैल 2024 को राजगढ़ में ओपीजेएस विश्वविद्यालय में इस साजिश का पता लगाया था। यहां से 50-50 हजार रुपए में फर्जी खेल प्रमाण-पत्र, फर्जी डिग्रियां ली गईं। एसओजी की टीम ने  इस मामले में  प्रदीप कुमार शर्मा नाम के एक दलाल के घर पर छापा मारा। वहां से ओपीजेएस की 20 मार्कशीट, दर्जनों माइग्रेशन सर्टिफिकेट, 60 से ज्यादा प्रोविजनल सर्टिफिकेट बरामद किए। इसके अलावा ओपीजेएस के चरित्र प्रमाण पत्र, यूनिवर्सिटी की 7 जाली मुहर, 44 ⁠परीक्षा उत्तर पुस्तिकाएं भी मिलीं। इस छापामारी में चार डायरियां भी जब्त की गई जिनमें डिग्री के संबंध में लाखों के लेन-देन का हिसाब मिला।

3 से 5 लाख रुपए लेकर दी गई पास होने की गारंटी

जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि दलालों ने परीक्षा में पास कराने के लिए तीन से पांच लाख रुपए वसूल किए। इसके लिए गिरोह ने पहले अभ्यर्थियों को परीक्षा में पास होने की गारंटी दी। इसके बाद विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रेशन कराया गया। परीक्षा में डमी अभ्यर्थी बैठाए गए। इतना ही नहीं परीक्षा मे जो पास हो गए उनके माता-पिता से 7 से 8 लाख रुपया लेकर फर्जी  डिग्री बेची गई।

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