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टोंक अस्पताल में बच्चे की मौत पर हंगामा, परिजन बोले- CCTV देख लो डॉक्टर्स ने बच्चे को देखा ही नहींं

Protest In Tonk Hospital: टोंक। जिला अस्पताल में 13 साल के मासूम की मौत पर जमकर हंगामा हुआ। परिजनों का आरोप है कि पेट दर्द की वजह से बच्चे को निवाई से टोंक जिला अस्पताल रैफर किया गया। मगर यहां...
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Protest In Tonk Hospital: टोंक। जिला अस्पताल में 13 साल के मासूम की मौत पर जमकर हंगामा हुआ। परिजनों का आरोप है कि पेट दर्द की वजह से बच्चे को निवाई से टोंक जिला अस्पताल रैफर किया गया। मगर यहां डॉक्टर्स ने बच्चे के इलाज में लापरवाही बरती। जिससे उसकी मौत हो गई।

पेट दर्द की वजह से अस्पताल में कराया भर्ती

मृतक के पिता अशोक बैरवा के मुताबिक उनके 13 साल के बेटे आयुष को सोमवार सुबह करीब चार बजे पेट दर्द हुआ। इसके बाद उसे निवाई लेकर गए। जहां उसका इलाज किया गया। लेकिन बच्चे की हालत में सुधार नहीं हुआ तो उसे टोंक रैफर कर दिया। परिजन उसे करीब साढ़े छह बजे टोंक के जनाना अस्पताल लेकर आए। जहां कोई डॉक्टर नहीं मिला।

इलाज नहीं मिलने से बच्चे की मौत का आरोप

परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर नहीं होने पर वो नर्सिंग स्टाफ से बच्चे को देखने की गुहार लगाते रहे। मगर किसी ने उनकी बात नहीं सुनी और आखिरकार दो घंटे तड़पने के बाद बेटे ने करीब साढ़े 8 बजे दम तोड़ दिया। परिजनों ने कहा कि अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज से भी इस बात की तस्दीक की जा सकती है कि बच्चे को कोई इलाज नहीं दिया गया।

डॉक्टर-नर्सेज के खिलाफ कार्रवाई की मांग

बच्चे की मौत से आक्रोशित परिजनों ने डॉक्टर्स पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में प्रदर्शन किया। परिजनों ने इलाज में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर- नर्सिंग स्टाफ पर हत्या का केस दर्ज करने की मांग की। अस्पताल में करीब दो घंटे तक हंगामा चलता रहा। बाद में टोंक कोतवाल भंवर लाल वैष्णव ने परिजनों को समझाया, तब शव का पोस्टमार्टम कराया गया।

डॉक्टर्स ने आरोपों को बताया निराधार

परिजनों ने इस मामले में ड्यूटी डॉक्टर सहित अन्य के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी है। हालांकि, जनाना अस्पताल प्रभारी डॉ. विनोद परवेरिया ने आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि बच्चा गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। जिसे यथासंभव उपचार दिया गया।

लापरवाही के आरोपों के बाद नर्सिंग ऑफिसर सस्पेंड

पीएमओ डॉ. बीएल मीना ने बताया कि बच्चा रैफर होकर सुबह पौने सात बजे बाद आया। सुबह 6.52 बजे बच्चे को डॉक्टर ईरफानुद्धीन ने देखा था। 8.03 बजे बच्चे को जयपुर रेफर कर दिया। लेकिन वे बच्चे को ले नहीं गए। साढ़े आठ बजे बच्चे ने दम तोड़ दिया। इस मामले में एक नर्सिंग ऑफिसर को सस्पेंड किया गया है।(Protest In Tonk Hospital)

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