पार्वती, कालीसिंध और चंबल का संगम...राजस्थान को मिली PKC-ERCP की सौगात, PM मोदी ने किया शिलान्यास
PM Modi in Rajasthan: राजस्थान में भजनलाल सरकार के 1 साल पूरा होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को जयपुर पहुंचे जहां दादिया में राज्य स्तरीय कार्यक्रम में राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच पीकेसी-ईआरसीपी को लेकर फरवरी 2024 में हुए समझौते को पहली बार सार्वजनिक किया गया. पीएम मोदी ने मंच पर तीन नदियों के पानी से भरे घड़ों को पीकेसी-ईआरसीपी परियोजना से लिखे घड़े में मिलाया. इसके साथ ही 24 जनवरी 2024 को दिल्ली में किया गया पीकेसी-ईआरसीपी का समझौता ज्ञापन (MoU) आज (MoE) बन गया.
पीएम मोदी की मौजूदगी में इस पर त्रिपक्षीय समझौता हुआ. वहीं इस दौरान मंच पर सीएम भजनलाल शर्मा, एमपी के सीएम मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल भी मौजूद थे. इस दौरान सीएम भजनलाल शर्मा ने इस शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल का राजस्थान को एक और सौगात के लिए आभार जताया.
पार्वती, कालीसिंध और चंबल का संगम...राजस्थान को मिली PKC-ERCP की सौगात, PM मोदी ने किया शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकारों के बीच संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
मिट्टी के घड़ों में पार्वती,… pic.twitter.com/6itC8qprLS
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वहीं राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि 17 दिसंबर का दिन ऐतिहासिक है, अब पीकेसी-ईआरसीपी प्रोजेक्ट से राजस्थान के 21 जिलों को पानी मिलेगा और ढाई लाख हेक्टेयर में सिंचाई का पानी मिलना संभव हो सकेगा. वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ईआरसीपी का झगड़ा 20 साल पुराना है और अब दोनों प्रदेशों में जल की यह सौगात पीएम की वजह से ही पूरी हो रही है.
पीएम मोदी वर्तमान के भगीरथ हैं - सीआर पाटिल
सीएम भजनलाल शर्मा ने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल का राजस्थान को एक और सौगात के लिए आभार जताते हुए कहा कि आपकी प्रेरणा से राजस्थान के अंदर प्रवासी भाई बहनों द्वारा कर्म भूमि से मातृभूमि के कार्यक्रम के तहत राजस्थान के लगभग 45000 गांव में लगभग 650 करोड़ रुपए के लागत से भूजल पुनर्भरण के लिए रिचार्ज प्लान बनाने के कार्यक्रम की शुरुआत भी हो रही है.
"जल जीवन मिशन के पीएम मोदी ने 15 करोड़ घरों तक पानी पहुंचाया है...वो देश के भागीरथ हैं"
- केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 दिसंबर को जयपुर में पार्वती-कालसिंध-चंबल-ईआरसीपी परियोजना का शिलान्यास किया.
इस दौरान केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने… pic.twitter.com/DfslqkNk63
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वहीं केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने अपने संबोधन में कहा कि आज राजस्थान की सबसे बड़ी पानी की समस्या खत्म हो गई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब से उन्होंने जल संचय के लिए गंभीरता से काम किया और आज उनके प्रयासों का नतीजा है कि आज राजस्थान पानी की समस्या से निजात पाने जा रहा है. वहीं पाटिल ने आगे कहा कि जल जीवन मिशन के तहत 15 करोड़ घरों में पानी पहुंचाया गया है, पीएम मोदी वाकई आज देश के भगीरथ हैं.
पार्वती, कालीसिंध और चंबल का संगम
दरअसल पीकेसी-ईआरसीपी को लेकर राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच फरवरी 2024 में समझौते हुआ था जिसके बाद मंगलवार को पहली बार पीएम की मौजूदगी में ये समझौता सार्वजनिक किया गया. पीएम मोदी के सामने सीएम भजनलाल शर्मा और एमपी के सीएम मोहन यादव ने मेमोरेंडम का प्रारूप दिखाया और इस दौरान मंच पर तीन नदियों के पानी से भरे घड़े रखे गए.
सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि आज के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल का राजस्थान को एक और सौगात के लिए आभार, क्योंकि आप सभी को पता है कि आपकी प्रेरणा से राजस्थान के अंदर प्रवासी भाई बहनों द्वारा कर्म भूमि से मातृभूमि के कार्यक्रम के तहत राजस्थान के लगभग 45000 गांव में लगभग 650 करोड़ रुपए के लागत से भूजल पुनर्भरण के लिए रिचार्ज प्लान बनाने के कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है. उन्होंने कहा कि आज में राजस्थान में लगभग इस तरह के 200 काम चल रहे है
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कालीसिंध नदी के जल का कलश, सीएम मोहन यादव ने चंबल नदी के जल का कलश और सीएम भजनलाल शर्मा ने पार्वती नदी के जल के कलश को एक-एक करके पीएम मोदी को दिया और पीएम ने इन तीनों नादियों का जल प्रतीकात्मक रूप से रामजल सेतु कलश में मिलाया.
राजस्थान के 21 जिलों को सौगात
बता दें कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (PKC-ERCP) के तहत 11 नदियों को जोड़ा जा रहा है जिसके बाद राजस्थान के 21 जिलों में सालों से बना हुआ पानी का संकट दूर होगा. इस PKC-ERCP परियोजना में चंबल और इसकी सहायक नदियां पार्वती, कालीसिंध, कुनो, बनास, बाणगंगा, रूपरेल, गंभीरी और मेज शामिल हैं जहां नवनेरा बैराज से पानी गलवा बांध तक लाया जाएगा. इसके बाद यहां से पानी दो हिस्सों में ईसरदा बांध और बीसलपुर बांध तक पहुंचाया जाएगा. वहीं नवनेरा से चंबल नदी पर जल सेतु बनाकर पानी मेज नदी तक ले जाया जाएगा. इसके बाद गलवा से 31 किलोमीटर दूर ईसरदा तक पानी पहुंचेगा.
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