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Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में क्यों गायब हो जाते हैं कौवे, जानिए गाय, कुत्ते और कौए के महत्व के पीछे का सच

Pitru Paksha Shradh 2024:  पितरों को श्रद्धांजलि देने का पर्व, सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या, 2 अक्टूबर तक जारी रहेगा। इस दौरान श्राद्ध का आयोजन करके पितरों का तर्पण किया जाता है, जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। सनातन धर्म में...
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Pitru Paksha Shradh 2024:  पितरों को श्रद्धांजलि देने का पर्व, सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या, 2 अक्टूबर तक जारी रहेगा। इस दौरान श्राद्ध का आयोजन करके पितरों का तर्पण किया जाता है, जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। सनातन धर्म में श्राद्ध का विशेष महत्व है, जहां पितरों के निमित्त भोजन तैयार कर गाय, कुत्ता और कौवे को अर्पित किया जाता है।

गाय, कुत्ता और कौवे: पितरों के रूप में विशेष भूमिका

पं. अक्षय शास्त्री के अनुसार, हिंदू धर्म शास्त्रों में गाय को 33 करोड़ देवी-देवताओं का निवास माना गया है, जो इसे पवित्र और पूजनीय बनाता है। श्राद्ध के दौरान गाय को भोजन देने से पितृ देवता प्रसन्न होते हैं। वहीं, कुत्ते और कौवे को भी पितरों का रूप माना जाता है। गरुण पुराण के अनुसार, कौवा यमराज का संदेशवाहक है, और इसे अर्पित भोजन पूर्वजों की आत्मा को शांति प्रदान करता है।

कौवों की कमी: श्राद्ध पक्ष में मिलना मुश्किल

श्राद्ध पक्ष में कौवों की संख्या में कमी आने से उन्हें भोजन देने में समस्या उत्पन्न हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ कौवे मिल जाते हैं, लेकिन शहरों में इन्हें ढूंढना मुश्किल हो गया है। कुछ समय पहले तक, कौवे घरों की छतों पर आसानी से दिखाई देते थे, लेकिन अब उनकी अनुपस्थिति ने लोगों को अन्य पक्षियों को भोजन देने पर मजबूर कर दिया है।

गायब होने के कारण: पर्यावरणीय बदलाव

जानकारों का कहना है कि शहरीकरण और पेड़ों की कमी के कारण कौवों की संख्या में गिरावट आई है। कृषि में बढ़ते कीटनाशकों का उपयोग और मोबाइल टॉवरों से निकलने वाली रेडियोधर्मी किरणें भी कौवों के विलुप्त होने का कारण बन रही हैं। कीटनाशक खाने वाले पक्षियों और जानवरों की मृत्यु के कारण, कौवे भी प्रभावित हो रहे हैं।

मोबाइल टॉवर: कौवों के दुश्मन

आज के समय में, मोबाइल टॉवरों से निकलने वाली रेडियोधर्मी किरणें सभी जीवों के लिए हानिकारक मानी जाती हैं। पक्षी इन टॉवरों के आसपास अपने घोंसले बनाते हैं, जिससे उनकी प्रजनन दर में कमी आ रही है और मृत्यु दर भी बढ़ रही है।

इस प्रकार, श्राद्ध पक्ष में गाय, कुत्ता और कौवे का विशेष महत्व है, लेकिन पर्यावरणीय कारणों से इनकी संख्या में कमी आने से लोगों को चिंतित होना पड़ रहा है।

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