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पाली में पैंथर ने ली भेड़पालक भोलाराम की जान, विधानसभा में उठी मुआवजा देने की मांग

पाली जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र स्थित जवाईबांध के पहाड़ी इलाके में घटी यह घटना किसी हॉरर फिल्म से कम नहीं थी। बलवना निवासी भेड़पालक भोलाराम देवासी...
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 Pali News: पाली जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र स्थित जवाईबांध के पहाड़ी इलाके में घटी यह घटना किसी हॉरर फिल्म से कम नहीं थी। बलवना निवासी भेड़पालक भोलाराम देवासी, जो अपनी भेड़ों और बकरियों को चराने पहाड़ी क्षेत्र में पहुंचा था, अचानक एक खौ़फनाक पैंथर के हमले का शिकार हो गया। पैंथर ने भोलाराम को अपनी गिरफ्त में ले लिया, ( Pali News) और उसकी गर्दन समेत शरीर के कई हिस्सों में गहरे घाव कर दिए। उसकी चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन तब तक भोलाराम गंभीर रूप से घायल हो चुका था।

आसपास के लोग किसी तरह भोलाराम को पैंथर से बचाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वह ज्यादा घायल हो चुका था। उसे तुरंत सुमेरपुर चिकित्सालय लाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

 पैंथर की गिरफ्तारी तक का पांच घंटे का ऑपरेशन

इस हमले के बाद वन विभाग के अधिकारी तुरंत हरकत में आए। सूचना मिलते ही रेंजर जितेंद्र मीणा और विक्रमसिंह राव के नेतृत्व में एक टीम ने घटनास्थल पर पैंथर को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया। पैंथर की तलाश में जुटी टीम ने जवाईबांध के हवामहल क्षेत्र में पिंजरा लगाया और सिर्फ पांच घंटे में पैंथर को पकड़ लिया। इसे ट्रैक्टर ट्रॉली से जवाई स्थित जंगलात चौकी लाया गया। हालांकि, पैंथर की पकड़ के बाद भी इलाके में डर का माहौल बना हुआ था, और वन विभाग ने इसके आसपास के क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ा दी।

जवाईबांध क्षेत्र में पैंथर का खतरा

जवाईबांध कंजर्वेशन एरिया में पैंथर की अधिकता पहले से ही थी, लेकिन मानव जीवन पर इस तरह के हमले का यह पहला मामला था। यह घटना अब एक गंभीर चेतावनी बनकर सामने आई है, जिससे यह साफ है कि इलाके में वन्यजीवों से खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। वन विभाग और प्रशासन के लिए यह एक बड़ा चुनौती बन गई है, क्योंकि इस तरह की घटनाओं से लोगों में डर और असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो रही है।

भोलाराम देवासी के परिवार पर यह दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। कुछ साल पहले ही भोलाराम के एक भाई की नाडी में डूबने से मौत हो गई थी, और अब इस त्रासदी ने परिवार को और गहरे सदमे में डाल दिया है। भोलाराम के परिवार में होली के दिन ढूंढ महोत्सव मनाने की खुशियाँ थीं, लेकिन पैंथर के हमले ने इन खुशियों को मातम में बदल दिया। मृतक के परिवार और देवासी समाज ने प्रशासन से मुआवजा देने की मांग की है, ताकि वे इस भारी दुख का सामना कर सकें।

विधानसभा में मुआवजे की उठी मांग

बाली से विधायक पुष्पेंद्र सिंह ने राज्य विधानसभा में इस मामले को उठाया और सरकार से भोलाराम के परिवार को मुआवजा देने की मांग की। सिंह ने सदन में जोर देते हुए कहा कि सरकार को भोलाराम की पत्नी को संविदा पर नौकरी देने के साथ-साथ परिवार को उचित मुआवजा प्रदान करना चाहिए, ताकि वे इस अभूतपूर्व दुख से उबर सकें।

विधायक  ने सदन में यह भी बताया कि भोलाराम के भाई तेजाराम की 6 साल पहले मगरमच्छ के हमले में मौत हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि एक ही परिवार के दो लोग जंगली जानवरों के हमलों में मारे गए हैं, जो एक अभूतपूर्व और दुखद घटना है। ऐसे में सरकार को भोलाराम के परिवार की स्थिति को समझते हुए त्वरित सहायता प्रदान करनी चाहिए।

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