Shabir Ahmed Barmer : 2 साल पाकिस्तानी जेल में रहा शब्बीर लौटा भारत, पाकिस्तानी वकील ने इस तरह की मदद
Shabir Ahmed Barmer बाड़मेर : राजस्थान के बाड़मेर जिले के सीमावर्ती जानपालिया का निवासी शब्बीर 32 महीने बाद 29 मई को पाकिस्तान से भारत वापस लौटा। शब्बीर ने (Shabir Ahmed Reached Barmer) अटारी वाघा बॉर्डर से भारत में प्रवेश किया। जिसके बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की। रविवार 02 जून को शब्बीर अपने पैतृक जिले बाड़मेर पहुंचा। जहां सुरक्षा एजेंसियों समेत सीआईडीसीबी उससे पूछताछ में जुटी है।
दरगाह जाने के लिए निकला था घर से शब्बीर
जानकारी के मुताबिक बाड़मेर के सेड़वा इलाके के जानपालिया का रहने वाला शब्बीर 23 अक्टूबर, 2021 की सुबह दरगाह जाने का कहकर घर से निकला था। जब शब्बीर (Shabir Ahmed) दरगाह से घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसे आसपास के गांव और अन्य रिश्तेदारों के वहां ढूंढा, लेकिन जब वह कहीं नहीं मिला तो आखिर में थक हारकर शब्बीर के घर वालों ने 24 अक्तूबर, 2021 को सेड़वा थाने में शब्बीर की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। रिपोर्ट में परिजनों ने बताया कि उनका घर पाकिस्तान बॉर्डर से महज 2 किलोमीटर दूर है। शब्बीर दरगाह जाने का कहकर घर से निकला था। हो सकता है, गलती से तारबंदी पार कर वह पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गया हो। शब्बीर परिवार के लोगों को कहकर गया था कि वह गोहड़ का तला दरगाह जा रहा है। रिपोर्ट के बाद पुलिस और परिजनों ने शब्बीर को बहुत तलाश किया। लेकिन, उसका कोई सुराग नहीं मिला।
पाकिस्तानी रेंजर्स ने किया गिरफ्तार
जैसा कि रिपोर्ट में कहा गया था कि गलती से शब्बीर पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गया होगा, वैसा ही हुआ। पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने शब्बीर को हिरासत में लेकर स्थानीय पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने पूछताछ के बाद उसे कोर्ट में पेश किया। उसके बाद शब्बीर को हैदराबाद की जेल में करीब डेढ़ साल रखा गया और उसके बाद उसे कराची की जेल में शिफ्ट कर दिया गया। इसी जेल से शब्बीर की रिहाई हो पाई और पाकिस्तान पुलिस ने शब्बीर को वाघा बॉर्डर पर लाकर सेड़वा पुलिस के हवाले कर दिया।
पाकिस्तानी अधिवक्ता ने शब्बीर का खुलकर किया सहयोग
गलती से बॉर्डर पार करके पाकिस्तान पहुंचने के बाद पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट प्रोफेसर रोशन अली अजीम (Advocate Professor Roshan Ali Azim) शब्बीर की मदद में जुट गए। एडवोकेट ने अपना एक वीडियो जारी कर बताया कि शब्बीर अहमद नाम के भारतीय ने थारपारकर डिस्ट्रिक्ट के छाछरो से पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश किया। जिसके बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे गिरफ्तार कर पुलिस को सौंपा दिया। जब उसका मेडिकल चेकअप करवाया गया तो पता चला कि उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है। ये मुझे हिंदुस्तानी न्यूज चैनल से पता चला और मैने छाछरो के पुलिस स्टेशन पहुंचकर शब्बीर से मुलाकात की। वहीं उसका केस इंसानियत के नाते और दोनों मुल्कों के रिश्तों को ठीक करने के लिए फ्री ऑफ कोस्ट लड़ने का फैसला किया। शब्बीर को 10 साल तक की सजा हो सकती थी। लेकिन, मैं पाकिस्तान के हाईकोर्ट में यह साबित करने में कामयाब हो गया कि शब्बीर की दिमागी हालत ठीक नहीं है और वह गलती से सीमा पार करके पाकिस्तान में घुस आया है। इसी वजह से शब्बीर को 2 साल की सजा हुई।
दोनों मुल्कों के बीच मोहब्बत के पैगाम के लिए की मदद
एडवोकेट प्रोफेसर रोशन अली अजीम ने कहा कि 2 साल की सजा होने के बावजूद भी मैंने पाकिस्तान की कोर्ट को चैलेंज किया और पाकिस्तान की हायर कोर्ट ने शब्बीर को आजाद (Pakistan repatriated Shabir Ahmed) करने का हुकम सुनाया। उसके बाद शब्बीर को कराची की जेल में शिफ्ट किया गया। उसके बाद पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने भी शब्बीर को रिहा करने का फरमान सुनाया। मैंने शब्बीर की मदद सिर्फ दोनों मुल्कों के बीच मोहब्बत के पैगाम के लिए की है।