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हेलिकॉप्टर से हार्ट-किडनी का ट्रांसपोर्टेशन, एक ब्रेनडेड युवक ने बचाई 3 जिंदगियां...राजस्थान में पहली बार

Jaipur SMS Hospital Organ Transplant: (पुनीत माथुर और राजेश परिहार) राजस्थान में एक प्रेरणादायक कहानी सामने आई है, जहां एक ब्रेनडेड युवक ने चार ज़िंदगियों को नया जीवन दिया। यह घटना न केवल राज्य, बल्कि पूरे देश के लिए एक...
01:17 PM Dec 15, 2024 IST | Rajesh Singhal

Jaipur SMS Hospital Organ Transplant: (पुनीत माथुर और राजेश परिहार) राजस्थान में एक प्रेरणादायक कहानी सामने आई है, जहां एक ब्रेनडेड युवक ने चार ज़िंदगियों को नया जीवन दिया। यह घटना न केवल राज्य, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी मिसाल है। जब 33 वर्षीय विष्णु, जो कि झालावाड़ के पीपाजी गांव के निवासी थे, एक दुखद घटना में ब्रेनडेड हो गए, तो उनके परिवार ने 13 दिसंबर को ऑर्गन डोनेशन की सहमति दी।

इसके बाद, उनका जीवनदान देने के लिए जयपुर और जोधपुर में ऑर्गन ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू हुई। दिलचस्प बात यह है कि इस बार ऑर्गन हेलिकॉप्टर के जरिए दो शहरों में पहुंचाए गए, जिससे न केवल चिकित्सा क्षेत्र की तेजी से बदलाव की दिशा साफ़ हो रही है, बल्कि यह भी साबित हो रहा है कि तकनीकी उन्नति और मानवता के बीच का संबंध जीवन के सबसे कठिन क्षणों में भी उम्मीद और आशा का प्रकाश बना सकता है।

झालावाड़ के विष्णु ने पेश की मानवता की मिसाल

झालावाड़ के विष्णु प्रसाद ने अपने अंगदान से 8 लोगों को नई जिंदगी देकर मानवता की नई मिसाल पेश की है। यह राजस्थान का दूसरा और 13वां सफल ब्रेन डेड अंगदान है। विष्णु प्रसाद झालावाड़ के पीपा धाम, मानपुरा के निवासी थे। मारपीट में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उनकी हालत बिगड़ती चली गई और आखिरकार वे ब्रेन डेड हो गए।

गंभीर चोटों के बाद बिगड़ी हालत

11 दिसंबर को विष्णु प्रसाद को झालावाड़ अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया था। सीटी स्कैन में उनके सिर में गहरी चोटें पाई गईं। डॉक्टरों ने उनकी जान बचाने के लिए सर्जरी की, लेकिन 12 दिसंबर को पता चला कि वे ब्रेन डेड हो चुके हैं। इस जानकारी को अंगदान के नोडल अधिकारी तक पहुंचाया गया, और परिवार की सहमति मिलने तक उन्हें जीवित रखा गया।

डॉक्टरों की कोशिशों से परिवार ने दी सहमति

डॉक्टरों और अधिकारियों की टीम ने विष्णु प्रसाद के परिवार से अंगदान की अनुमति मांगी। लगातार समझाने और प्रयासों के बाद परिवार अंगदान के लिए सहमत हो गया। इस प्रक्रिया में डॉ. रामसेवक योगी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी साजिद खान और अन्य प्रशासनिक अधिकारी शामिल थे।

8 लोगों को मिला नया जीवन

13 और 14 दिसंबर की रात को विष्णु प्रसाद का एपनिया टेस्ट किया गया। रक्त के एचएलए क्रॉस मैच टेस्ट के लिए सैंपल जयपुर भेजे गए और एसएमएस हॉस्पिटल से अंगों का वितरण तय हुआ। ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अंगों को झालावाड़ से जयपुर और जोधपुर तक पहुंचाया गया।

जयपुर: दिल, फेफड़े और एक किडनी एसएमएस हॉस्पिटल में ट्रांसप्लांट के लिए भेजे गए।

जोधपुर: लिवर और दूसरी किडनी एम्स अस्पताल को प्रदान की गई।

आंखों के कॉर्निया: शाइन इंडिया फाउंडेशन को दिए गए।

सफल अंगदान प्रक्रिया

15 दिसंबर की सुबह 6 बजे एसएमएस अस्पताल जयपुर और एम्स जोधपुर की टीमों ने झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में अंगदान की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया। विष्णु प्रसाद के इस महादान से कुल 8 लोगों को नया जीवन मिला।

प्रेरणा का स्रोत

विष्णु प्रसाद का अंगदान एक प्रेरणादायक कदम है, जो समाज में अंगदान के महत्व को उजागर करता है। उनका यह योगदान न केवल 8 जिंदगियों को नया जीवन देगा, बल्कि दूसरों को भी मानवता के प्रति अपने कर्तव्य निभाने के लिए प्रेरित करेगा।

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