Odwara Encroachment: अतिक्रमण अभियान पर शुरू हुई सियासत, पायलट ने पुलिस पर उठाया सवाल, वैभव गहलोत ने दिया मदद का आश्वासन..
Odwara Encroachment: जालोर। जालोर जिले में गोचर भूमि पर बने मकानों को राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बाद स्थानीय प्रशासन ने हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं, ओडवाड़ा में चलाए जा रहे इस अतिक्रमण अभियान को लेकर राजस्थान में सियासत तेज़ हो गयी है। कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर इस घटना के लिए पुलिस के व्यवहार को गलत बताया है। सचिन पायलट ने कहा कि अपना घर बचा रहे लोगों के साथ पुलिस ने दुर्व्यवहार किया।
राजस्थान हाईकोर्ट ने दिया आदेश, प्रशासन ने की कार्यवाही
गौरतलब है कि राजस्थान हाईकोर्ट ने जालोर के ओडवाड़ा में चारागाह की ज़मीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। इसके बाद स्थानीय प्रशासन बुलडोजर लेकर 300 से ज्यादा मकानों पर कार्रवाई करने पहुंचा। इस दौरान 150 से अधिक पक्के और 160 से अधिक कच्चे मकानों को तोड़ दिया गया। उधर, अपना घर टूटते देख ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया। विरोध बढ़ता देख पुलिस को हलका बल प्रयोग करना पड़ा। सोशल मीडिया पर इस पूरी कार्यवाही की वीडियो वायरल हो रही है।
महिलाएं रोती रहीं, घर टूटते रहे...
खुद के आशियाने को टूटते देख स्थानीय महिलाओं ने इसका विरोध किया। हालांकि प्रशासन ने एक न सुनी और कार्रवाई करती रही। महिलाओं और ग्रामीणों के विरोध करने की स्थिति में प्रशासन को भारी पुलिस बल का इस्तेमाल करना पड़ा। इसके बाद सोशल मीडिया इसका वीडियो खूब चर्चा में आया। यहां तक कि सोशल मीडिया प्लैटफ़ार्म एक्स पर #ओडवाड़ा_को_बचाओ का हैश टैग ट्रेंड करने लगा।
सचिन पायलट ने पुलिस के व्यवहार पर उठाए सवाल
राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता सचिन पायलट ने प्रशासन की कार्यवाही पर सवाल खड़े किए हैं। सचिन पायलट ने सोशल मीडिया प्लैटफ़ार्म एक्स पर ही पोस्ट कर कहा, "जालोर जिले के ओडवाड़ा गांव में घरों को तोड़ने के आदेश के विरुद्ध संघर्ष कर रहे लोगों के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किया गया, उसकी मैं घोर निंदा करता हूं। ये लोग अपना घर बचाने के लिए आवाज उठा रहे हैं जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं। सरकार को इनके अधिकारों के लिये न्यायपालिका के माध्यम से तुरंत राहत प्रदान करने के लिये कार्यवाही करनी चाहिये थी। पुलिस एवं प्रशासन से आग्रह है कि इस मुद्दे को शांति एवं बातचीत द्वारा सुलझाया जाना चाहिए।"
वैभव गहलोत खटखटा रहे हैं सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
वैभव गहलोत ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही है। इसके अलावा वैभव गहलोत ने स्थानीय प्रशासन की कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए कहा, "आहोर के ओडवाड़ा गांव में अतिक्रमण हटाने के नाम पर 440 घरों को तोड़ा जा रहा है जबकि ये परिवार वर्षों से रहते आये हैं। प्रशासन इसके लिए हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दे रहा है जबकि कांग्रेस सरकार के दौरान प्रभावी पैरवी से इन घरों को बचाया गया था।"
उन्होंने आगे कहा, " मेरा मानना है कि प्रभावी पैरवी के अभाव में हाईकोर्ट का फ़ैसला ग्रामीणों के ख़िलाफ़ रहा होगा। आज अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान प्रशासन का असंवेदनशील रवैया भी सामने आया। इस संबंध में मैंने जालोर कलेक्टर से भी बात कर निवेदन किया है कि संवेदनशीलता से विचारकर हाईकोर्ट के फैसले के विरुद्ध इन गरीब लोगों के पक्ष में अपील करें।"
उन्होंने कहा, " उच्चतम न्यायालय का फैसला आने तक इस कार्रवाई को रोक कर आमजन को न्याय दिलाने में मदद करें। मैं भी इस मामले में ग्रामीणों की मदद करने के लिए विधिक राय ले रहा हूं।" वैभव गहलोत ने अपनी एक पोस्ट में ये भी कहा कि वो खुद जाकर पीड़ित परिवारों से मिलेंगे और उनके सहयोग के लिए उनके साथ खड़े हैं।
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