40 लाख बेरोजगारों को झटका! राजस्थान में सरकारी भर्ती नियम बदला, जानें क्या है नया
Rajasthan Exam Fees: राजनीतिक निर्णयों का बेरोजगारों और आम जनता पर गहरा असर होता है, खासकर जब यह फैसले उनके भविष्य को प्रभावित करते हैं। राजस्थान सरकार ने एक ऐसा निर्णय लिया है, जो बेरोजगारों के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। (Rajasthan Exam Fees)अशोक गहलोत की पिछली सरकार ने जब वन टाइम रजिस्ट्रेशन फीस का नियम लागू किया था, तो यह बेरोजगारों के लिए राहत का कारण था। लेकिन अब भजनलाल सरकार ने इसे पलटते हुए उम्मीदवारों से फिर से परीक्षा के लिए आवेदन शुल्क लेने का फैसला किया है।
राजस्थान सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जिसके तहत बेरोजगार उम्मीदवारों को अब हर परीक्षा के लिए आवेदन फॉर्म की फीस जमा करनी अनिवार्य होगी। इससे राजस्थान के करीब 40 लाख बेरोजगार प्रभावित हो सकते हैं। यह फैसला अशोक गहलोत की पिछली सरकार द्वारा लागू किए गए वन टाइम रजिस्ट्रेशन नियम को पलटते हुए लिया गया है, जिसके तहत एक बार रजिस्ट्रेशन फीस जमा करने के बाद किसी भी भर्ती परीक्षा का आवेदन शुल्क नहीं लिया जाता था। अब इस बदलाव के कारण बेरोजगारों को हर परीक्षा के लिए अलग-अलग फीस का भुगतान करना होगा।
नई व्यवस्था के तहत परीक्षा शुल्क निर्धारित
राजस्थान में अब गहलोत सरकार के वन टाइम रजिस्ट्रेशन फीस नियम को समाप्त किया जा रहा है। यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि राज्य के कर्मचारी चयन बोर्ड और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने इस प्रणाली पर गंभीर चिंता जताई है। अधिकारियों का कहना है कि इस व्यवस्था के कारण सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है।
सरकार को हो रहा भारी नुकसान
कर्मचारी चयन बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि एक परीक्षार्थी पर सरकार को 600 रुपये का खर्च आता है, लेकिन परीक्षा में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों की संख्या बहुत कम होती है। लगभग 60% उम्मीदवार परीक्षा में नहीं बैठते, जबकि उन्होंने आवेदन फॉर्म भर दिया होता है। इस कारण सरकार का पैसा बर्बाद हो रहा है।
नए नियम के तहत शुल्क निर्धारण
नए प्रस्ताव के मुताबिक, आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 200 रुपये परीक्षा शुल्क के रूप में जमा करना होगा, जबकि सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए यह शुल्क 300 रुपये रखा जाएगा।
अधिकारियों की टिप्पणी
कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज का कहना है कि आवेदन करने के बाद भी कई छात्र परीक्षा में शामिल नहीं होते। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब परीक्षा आवेदन शुल्क निःशुल्क कर दिया गया था, जिससे छात्र एक साथ कई भर्तियों के लिए आवेदन करते हैं लेकिन परीक्षा में नहीं बैठते।
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