Kota: 35 रुपए के मामूली विवाद ने रेलवे को लौटा दिए 2.43 करोड़! कोटा के इस शख्स ने 5 साल तक लड़ी संघर्ष की जंग!
IRCTC Refund Case: यह कहानी है एक ऐसे व्यक्ति की जो अपनी छोटी सी लड़ाई के लिए विशाल साम्राज्य से टकराया। कोटा के अधिवक्ता सुजीत स्वामी ने 35 रुपए के लिए आईआरसीटीसी से लड़ी 5 साल लंबी कानूनी लड़ाई, जो सिर्फ उन्हें ही नहीं, बल्कि 10 लाख लोगों को भी फायदा पहुंचा गया। (IRCTC Refund Case) यह मामला शुरू हुआ था 2017 में, जब उन्होंने गोल्डन टेंपल मेल का टिकट कैंसिल किया और रेलवे ने अनावश्यक 35 रुपए की अतिरिक्त कटौती कर दी। इस छोटी सी रकम को लेकर स्वामी ने जो कदम उठाया, वह पूरे देश के लिए एक मिसाल बन गया!
RTI के जरिए खुलासा: रेलवे ने 2.98 लाख यात्रियों से 35 रुपए अतिरिक्त सेवा कर लिया
सुजीत स्वामी ने जुलाई 2017 में रेलवे से आरटीआई के जरिए यह जानकारी मांगी थी कि किन-किन उपभोक्ताओं से 35 रुपए सेवा कर के रूप में लिए गए हैं। रेलवे ने जवाब दिया कि करीब 2 लाख 98 हजार उपभोक्ताओं से कुल मिलाकर 10 लाख लोगों से प्रति यात्री 35 रुपए की अतिरिक्त राशि वसूली गई थी।
2 रुपए के रिफंड के लिए संघर्ष: सुजीत ने रेलवे से फिर से की न्याय की मांग
सुजीत स्वामी ने 33 रुपए की रिफंड राशि मिलने के बाद भी संतुष्टि नहीं जताई, क्योंकि उन्हें 35 रुपए पूरी तरह से रिफंड होने चाहिए थे। जुलाई 2019 में उन्होंने फिर से एक आरटीआई दाखिल की, जिसमें उन्होंने न केवल खुद के 2 रुपए बल्कि सभी उपभोक्ताओं को रिफंड देने की मांग की। इसके बाद उन्होंने रेलवे मंत्रालय, वित्त आयुक्त, आईआरसीटीसी, और अन्य संबंधित अधिकारियों को लेटर लिखकर मामला उठाया।
धन्यवाद के रूप में किया पीएम केयर फंड में दान
सुजीत के लगातार संघर्ष के बाद आखिरकार आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने उनके बैंक अकाउंट में 2 रुपए का रिफंड ट्रांसफर किया। इसके बाद सुजीत ने इस लंबी लड़ाई का सफलता के रूप में धन्यवाद व्यक्त करते हुए 535 रुपए प्रधानमंत्री केयर फंड में दान किए।
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