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Kota: जंगलों में नहीं है नेटवर्क...कैसे लगेगी ऑनलाइन हाजिरी, वनकर्मियों की ऑनलाइन अटेंडेंस पर खड़े हुए सवाल

Rajasthan Forest Department: प्रदेश के जंगलों और वन्यजीवों के संरक्षण में एक नया मोड़ आया है, जब भजनलाल सरकार ने वनकर्मियों की ऑनलाइन अटेंडेंस प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया। (Rajasthan Forest Department) इस कदम का उद्देश्य जंगलों में काम...
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Rajasthan Forest Department: प्रदेश के जंगलों और वन्यजीवों के संरक्षण में एक नया मोड़ आया है, जब भजनलाल सरकार ने वनकर्मियों की ऑनलाइन अटेंडेंस प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया। (Rajasthan Forest Department) इस कदम का उद्देश्य जंगलों में काम करने वाले कर्मचारियों की उपस्थिति को बेहतर तरीके से ट्रैक करना है। हालांकि, वन कर्मचारी संगठन ने इस फैसले का विरोध करते हुए सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जंगलों में 24 घंटे तैनात रहने वाले कर्मचारियों के लिए इस प्रणाली का पालन करना लगभग असंभव है, क्योंकि अधिकांश वन क्षेत्रों में नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में, यह सवाल उठता है कि जब नेटवर्क ही नहीं है, तो ऑनलाइन अटेंडेंस कैसे हो सकती है?

राजस्थान के वनकर्मियों का विरोध

राजस्थान अधीनस्थ वन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह जादौन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि वन विभाग में मोबाइल एप के माध्यम से अटेंडेंस प्रणाली शुरू की गई, तो इसका पूरे जोर से विरोध किया जाएगा। उनका मानना है कि यह प्रणाली 24 घंटे ड्यूटी करने वाले वनकर्मियों के लिए अव्यावहारिक है, और अगर यह लागू हुआ तो आंदोलन भी किया जाएगा। संघ के प्रवक्ता बुद्धराम जाट का कहना है कि यह व्यवस्था मुख्यालय पर तैनात कर्मचारियों के लिए तो काम कर सकती है, लेकिन जंगलों में तैनात कर्मियों के लिए यह संभव नहीं है, क्योंकि वहां नेटवर्क की कमी और कई अन्य चुनौतियाँ हैं।

प्रायोगिक तौर पर चार जिलों में शुरू हुई प्रणाली

राज्य सरकार ने मोबाइल एप के माध्यम से कर्मचारियों की अटेंडेंस लेने का प्रायोगिक कदम उठाते हुए प्रदेश के चार जिलों—कोटा वन मंडल, जोधपुर, उदयपुर, और बीकानेर—में इसे लागू किया है। हालांकि, वनकर्मियों का कहना है कि 24 घंटे की ड्यूटी के बीच, जैसे जंगल में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए रात के समय जाना, एप पर अटेंडेंस लगाना संभव नहीं है। उदाहरण स्वरूप, कोटा जैसे शहर में भारी भरकम मगरमच्छ या अपराधिक गतिविधियों के लिए रात में भी जंगल में जाना पड़ता है, और ऐसे में एप पर हाजिरी लगाना व्यावहारिक नहीं होगा।

राजएसएसओ एएमएस एप: क्या है इसकी कार्यप्रणाली?

राजस्थान सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की दैनिक उपस्थिति के लिए राजएसएसओ-एएमएस मोबाइल एप्लीकेशन विकसित की है। यह एप सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा बनाई गई एक सरल और यूजर फ्रेंडली प्रणाली है, जिसमें कर्मचारी अपने मोबाइल फोन के जरिए अपनी हाजिरी लगा सकते हैं। हालांकि, यह प्रणाली अन्य विभागों में तो प्रभावी हो सकती है, लेकिन वन विभाग के कर्मचारियों के लिए इसके कार्यान्वयन में समस्याएं सामने आ रही हैं।

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