जोधपुर: SDM प्रियंका बिश्नोई की मौत के बाद बवाल! बिश्नोई समाज बोला- मौत की CBI जांच करवाई जाए!
Priyanka Bishnoi Death : प्रियंका बिश्नोई, जो राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अधिकारी थीं, की हाल ही में हुई मौत ने पूरे बिश्नोई समाज में आक्रोश पैदा कर दिया है। उनके रिश्तेदार और समाज के लोग अस्पताल के मालिक और डॉक्टरों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, पुलिस प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला देते हुए FIR दर्ज करने से मना कर दिया है। पुलिस का कहना है कि जांच कमेटी की रिपोर्ट का इंतज़ार करना होगा, जिसके बाद ही कोई कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जांच कमेटी की कार्यप्रणाली पर सवाल
जिला कलेक्टर ने प्रियंका की मौत के मामले में एक जांच कमेटी बनाई है, लेकिन परिवार वालों ने गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, "जांच में सिर्फ एक पक्ष की बात सुनी गई है, जबकि पीड़ित पक्ष से किसी से भी बात नहीं की गई। ऐसे में निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है?" बिश्नोई समाज के अध्यक्ष देवेंद्र बुड़िया ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला कलेक्टर ने उनके फोन को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सच्चाई छुपाने का प्रयास किया जा रहा है।
AIIMS अस्पताल में बढ़ती भीड़, पुलिस की कार्रवाई
इस बीच, एम्स अस्पताल में बिश्नोई समाज के लोगों की भीड़ धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। लोग नारेबाजी कर रहे हैं और पुलिस प्रशासन के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है। एडिशनल एसपी और कई थाना अधिकारी मौके पर मौजूद हैं, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना से निपटा जा सके।
सीएम और पूर्व सीएम का शोक
राजस्थान के CM भजन लाल शर्मा ने प्रियंका बिश्नोई की मौत पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "प्रियंका का निधन बहुत दुखद है। प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि उनकी पुण्यात्मा को शांति मिले और परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति मिले।"
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रियंका के निधन पर शोक व्यक्त किया, उन्होंने लिखा, "प्रियंका का असामयिक निधन हमारे लिए एक बड़ा सदमा है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले और परिवार को इस कठिन समय में सहनशीलता मिले।"
मौत के कारण
RAS अधिकारी प्रियंका बिश्नोई की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें जोधपुर के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। वहां इलाज के दौरान उनकी स्थिति बिगड़ने पर उन्हें अहमदाबाद ले जाना पड़ा, जहां दुर्भाग्यवश उनकी मौत हो गई। जोधपुर में इलाज के दौरान डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है, जिसके बाद जिला कलेक्टर ने संबंधित अस्पताल के खिलाफ जांच के निर्देश दिए हैं। इस पूरी घटना ने बिश्नोई समाज में गहरी चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है, और न्याय की मांग तेज हो गई है।