"ये नागरिकों पर सरकार का अटैक है..." पायलट बोले- समरावता के पीड़ितों को मिले मुआवजा
Naresh Meena News: राजस्थान के टोंक के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव की वोटिंग के दौरान हुए थप्पड़ कांड पर सियासत शुरु हो गई है। (Naresh Meena News) पहले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में भजनलाल सरकार पर हमला बोला और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। अब पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने नरेश मीना मामले में बयान दिया है।
'लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने में सरकार का इंटरेस्ट नहीं'
टोंक के देवली-उनियारा में उप चुनाव की वोटिंग के दौरान हुए थप्पड़ कांड पर अब कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का बयान आया है। सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान में उप चुनाव के मतदान के दौरान जो घटनाक्रम हुआ और इसके बाद जो सरकार का रवैया रहा। वो इस बात को दिखाता है कि सरकार का नियंत्रण नहीं है। सरकार ने नागरिकों पर एक तरह से आक्रमण बोला है। गांव में घुसकर लोगों से मारपीट की गई। यह सरकार का चेहरा दिखाता है। अगर आप नियंत्रण नहीं कर सकते। लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने में आपका इंटरेस्ट नहीं, सिर्फ राजनीति करनी है जो जनता परेशान क्यों हो?
देवली-उनियारा के समरावता में हुई हिंसा पर सचिन पायलट का बड़ा बयान
पायलट ने कहा - गांव के लोगों को मुआवजा दे भजनलाल सरकार
टोंक में एसडीएम को कथित तौर पर थप्पड़ मारने के आरोप में नरेश मीणा की गिरफ़्तारी के बाद समरावता की घटना पर पायलट ने कहा,
"चुनाव के एक दिन बाद हुई यह हिंसा… pic.twitter.com/L4VJf4XUVi
— Rajasthan First (@Rajasthanfirst_) November 15, 2024
'नागरिकों पर आक्रमण को सही कैसे ठहरा सकते?'
कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने कहा कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। लेकिन जो सरकार और मशीनरी है, इस प्रकार अगर नागरिकों पर आक्रमण करेंगे तो उसको कौन सही ठहरा सकता है? सरकार को इस मामले की जांच करानी चाहिए और जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करनी चाहिए। जिन लोगों का नुकसान हुआ है, उनको सरकार को मुआवजा देना चाहिए। गांव में घुसकर लोगों को बर्बरता से मारा गया है, लोगों की निजी संपत्ति में तोड़फोड़ की गई है। चुनाव के दौरान हिंसा यह दिखाती है कि सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।
'लोगों को नुकसान की भरपाई करे सरकार'
कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट का कहना है कि चुनाव के एक दिन बाद हुई यह हिंसा दिखाती है कि सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, कोई उपाय नहीं किए गए। अब राज्य की सरकार को इस पूरे घटनाक्रम की जांच करवानी चाहिए और जिन लोगों का इस घटनाक्रम में नुकसान हुआ है, उस नुकसान की भरपाई करनी चाहिए। पीड़ितों को मुआवजा देना चाहिए।
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