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नरेश मीणा को जेल में लंबा रखने की हो रही साजिश? थप्पड़कांड में नहीं मिली जमानत...वकील ने उठाए गंभीर सवाल 

एसडीएम को थप्पड़ मारने और समरावता गांव में हुई हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी नरेश मीणा को हाईकोर्ट से फिलहाल कोई राहत नहीं मिली।
01:39 PM Jan 15, 2025 IST | Rajesh Singhal

Naresh Meena News: देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान उपजे राजनीतिक तनाव ने अब न्यायालय की चौखट पर अपनी दस्तक दे दी है। चुनावी माहौल में नेताओं के बीच आपसी खींचतान और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ टकराव कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार मामला इतना बढ़ गया कि हिंसा और गिरफ्तारी तक जा पहुंचा।

एसडीएम को थप्पड़ मारने और समरावता गांव में हुई हिंसा के मामले में मुख्य (Naresh Meena News)आरोपी नरेश मीणा को हाईकोर्ट से फिलहाल कोई राहत नहीं मिली। बुधवार को हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस से केस डायरी तलब की है और अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद निर्धारित की है।

यह घटना केवल व्यक्तिगत विवाद नहीं, बल्कि राजनीतिक और प्रशासनिक तंत्र के बीच गहराते तनाव का प्रतीक है। ऐसे मामलों से यह सवाल उठता है कि चुनावी प्रक्रिया में शुचिता और लोकतांत्रिक मर्यादा बनाए रखना कितना चुनौतीपूर्ण हो गया है।

नरेश पर चार एफआईआर

नरेश मीणा के खिलाफ नगर फोर्ट थाने में चार एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें पहली एफआईआर एसडीएम अमित चौधरी ने दर्ज करवाई, जिसमें ईवीएम से छेड़छाड़ और मारपीट का आरोप लगाया गया है। दूसरी एफआईआर पुलिस द्वारा आगजनी के आरोप में दर्ज की गई है। इन दोनों मामलों में नरेश को गिरफ्तार किया गया है। तीसरी एफआईआर हाईवे जाम करने और चौथी एफआईआर रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप में दर्ज है। हालांकि, इन दो मामलों में नरेश की गिरफ्तारी नहीं हुई है। नरेश के वकील फतेहराम मीणा ने आरोप लगाया कि पुलिस नरेश की रिहाई रोकने के लिए साजिश रच रही है।

क्या है मामला?

देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान समरावता गांव (टोंक) में वोटिंग का बहिष्कार किया गया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे थे और अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया था। इसी बीच, नरेश ने पोलिंग बूथ पर पहुंचकर एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद नरेश धरने पर लौट गए, लेकिन उनकी गिरफ्तारी के दौरान विवाद और हिंसा भड़क गई।

समरावता हिंसा...आगजनी

नरेश की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों और पुलिस के बीच तनाव बढ़ गया। पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जबकि प्रदर्शनकारियों पर पथराव और आगजनी का आरोप लगा। हिंसा के बाद गांव में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई।

पुलिस की कार्रवाई ...गिरफ्तारी

समरावता हिंसा मामले में पुलिस ने 61 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें से 18 लोगों को टोंक जिला न्यायालय और 40 लोगों को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। तीन नाबालिगों को भी जमानत दी गई है। नरेश मीणा पर दर्ज मामलों में दो मामलों में उन्हें गिरफ्तार किया गया है, जबकि दो अन्य मामलों में गिरफ्तारी शेष है।

वकील का आरोप

नरेश मीणा के वकील ने अदालत में कहा कि पुलिस प्रशासन जानबूझकर उन्हें जेल में रखने की साजिश कर रहा है। उनका दावा है कि जमानत मिलने के बाद भी पुलिस अन्य मामलों में गिरफ्तार कर सकती है। इससे यह मामला केवल कानूनी प्रक्रिया नहीं, बल्कि राजनीतिक विवाद का हिस्सा बनता जा रहा है।

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