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नरेश मीणा को जमानत का झटका! समरावता हिंसा केस में कोर्ट ने खारिज की याचिका, क्या होगा अब?

राजस्थान विधानसभा उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में हुई हिंसा के मामले में नरेश मीणा को एक और बड़ा झटका लगा है।
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Naresh Meena: राजस्थान विधानसभा उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में हुई हिंसा के मामले में नरेश मीणा को एक और बड़ा झटका लगा है।  हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। जस्टिस प्रवीर भटनागर की अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाया, जो दो दिन पहले सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा गया था।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से डॉ. महेश शर्मा ने तर्क दिया कि समरावता गांव के लोग तहसील मुख्यालय को बदलने के लिए लंबे समय से आंदोलन कर रहे थे और मतदान का बहिष्कार भी कर चुके थे। (Naresh Meena) इस आंदोलन के दौरान, एसडीएम ने जबरन वोट डलवाने की कोशिश की, जिससे हिंसा की स्थिति उत्पन्न हुई। अब हाईकोर्ट के फैसले से नरेश मीणा की जमानत की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं।

इस फैसले ने समरावता हिंसा के मामले को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और सवाल उठने लगे हैं कि क्या अब इस मामले में नया मोड़ देखने को मिलेगा।

धक्का-मुक्की...पुलिस हिरासत में गिरफ्तारी

समरावता हिंसा मामले में याचिकाकर्ता की एसडीएम से हुई धक्का-मुक्की के बाद उसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। याचिकाकर्ता का कहना था कि घटना के बाद जो भी आगजनी हुई, उसमें उसका कोई रोल नहीं था, क्योंकि वह उस समय पुलिस हिरासत में था।

एएजी का विरोध...पुलिस का पक्ष

इस घटना के विरोध में एएजी राजेश चौधरी ने कहा था कि आरोपी ने जानबूझकर लोगों को उपद्रव के लिए उकसाया था। उनके पास पेश किए गए वीडियो से यह साबित हो गया कि आरोपी घटनास्थल पर लोगों को भड़काने का काम कर रहा था। इस हिंसा में 27 पुलिसकर्मी घायल हुए थे और 42 वाहन जल गए थे, जिससे मामले की गंभीरता को देखते हुए जमानत पर कोई राहत नहीं दी जानी चाहिए थी।

जमानत मिलने पर भी रिहाई नहीं

आज यदि नरेश मीणा को इस मामले में जमानत मिल भी जाती, तो उसकी जेल से रिहाई नहीं होती। नरेश मीणा के खिलाफ एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले में भी एक अलग सुनवाई चल रही है। इसके अलावा, हाईवे रोकने और ईवीएम से छेड़छाड़ करने के दो अन्य मामले भी उनके खिलाफ दर्ज हैं, जिनमें गिरफ्तारी अभी बाकी है।

 एसडीएम को थप्पड़ मारने की घटना

यह विवाद देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान हुआ था। समरावता गांव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया था और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा उनके साथ धरने पर बैठे थे। इसी दौरान नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया और हिंसा भड़क गई।

-(टोंक से कमलेश कुमार महावर का इनपुट)

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