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समरावता के भगत सिंह बने नरेश मीणा! समर्थक लगा रहे इंकलाब-जिंदाबाद के पोस्टर, लगातार बढ़ रही लोकप्रियता

नरेश मीणा के जेल जाने के बाद युवाओं में उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है.
10:07 AM Jan 20, 2025 IST | Rajasthan First

Naresh Meena: टोंक के समरावता गांव हिंसा प्रकरण में पिछले 3 महीने से जिला कारागृह में न्यायिक हिरासत में चल रहे नेता नरेश मीणा के प्रति युवाओं को जुनूस लगातार बढ़ रहा है. उपचुनाव मतदान के दौरान एरिया मजिस्ट्रेट को थप्पड़ मारने और उसके बाद आंदोलन का नेतृत्व करने के बाद गिरफ्तारी से लेकर जेल जाने तक का घटनाक्रम ने नरेश की लोकप्रियता को बढ़ा दिया है. अब लोग नरेश को गरीबों के लिए संघर्ष करने पर नरेश मीणा को लोग आज का भगत सिंह बताने से भी नही चूक रहे हैं.

दरअसल देवली-उनियारा उपचुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़कर चर्चाओं में रहने के साथ ही समरावता के थप्पड कांड के बाद हुए घटनाक्रम ने नरेश मीणा को रातो-रात चर्चित चेहरा बना दिया. अब समरावता गांव ही नही नरेश के समर्थक गांव-गांव में उसके बोर्ड लगा रहे है.

इन बोर्ड में नरेश के साथ ही भगत सिंह की फोटो और बीच में इंकलाब जिंदाबाद, नरेश मीणा का गांव आदि स्लोगन लिखे है, इसकी शुरुआत गत दिनों समरावता से हुई. इसके बाद नरेश के समर्थक कई गांवों में ऐसे स्लोगन लिखे बोर्ड लगा चुके हैं. हाल ही केदारा गांव में रोड किनारे नरेश मीणा का बोर्ड लगाकर उसके समर्थन में जोरदार नारेबाजी की है.

भगत सिंह के रूप में नरेश को देख रहे युवा

समर्थकों कहना है कि हमने भगत सिंह के बारे में पढ़ा था, सुना था, लेकिन देखा नहीं था। हम भगत सिंह के रूप में किसान नेता नरेश मीणा को देख रहे है। नरेश मीणा ने हमेशा अन्याय के खिलाफ लड़ता है। वह युवाओं का आइडन है। प्रेरणास्रोत है.

नरेश मीणा ने गरीब, किसान और आमजन के साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ जिस तरह से भगत सिंह की तरह लड़ रहा है, वह आज के युवाओं के लिए प्रेरणस्रोत है। उनका संघर्ष आने वाली पीढ़ी को भी भगत सिंह की तरह याद रहे, इसलिए गांव गांव में उनके बोर्ड लगवाये जा रहे है।

क्या था पूरा मामला

13 नवंबर को देवली उनियारा विधानसभा के उपचुनाव के लिए मतदान हुआ था। इसमें समरावता गांव के लोगों ने उनके गांव को उनियारा उपखंड कार्यालय में शामिल करने की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार कर रखा था। उस समय निर्दलीय प्रत्याशी रहे नरेश मीणा भी ग्रामीणों की मांग वाजिब बताते हुए ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गया था.

मतदान बहिष्कार के बाबजूद तीन जनों के जबरन वोट दिलाने का आरोप लगाते हुए नरेश मीणा ने SDM अमित चौधरी के थप्पड़ मार दी थी। दूसरे दिन पुलिस ने नरेश मीणा को धरना स्थल से गिरफ्तार कर लिया था। फिर कोर्ट के आदेश पर 15 नवंबर को जेल भेज दिया था.

-(टोंक से कमलेश कुमार महावर की रिपोर्ट)

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