17 सेकेंड में टैंक उड़ाने की क्षमता, 230 मीटर प्रति सेकेंड से प्रहार...जानिए कितनी ताकतवर है मिसाइल नाग MK-2
Nag Mk2 Anti-Tank Guided Missile: भारत ने अपने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी छलांग लगाते हुए तीसरी पीढ़ी की स्वदेशी एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ‘नाग’ का सफल परीक्षण किया है। यह मिसाइल भारतीय रक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल करने वाली है। जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में हुए इस परीक्षण में ‘नाग’ ने अपने अद्भुत प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया।
कल्पना कीजिए, 4 किलोमीटर दूर बैठा दुश्मन सोच भी नहीं सकता कि उसकी तबाही सिर्फ 17 सेकंड दूर है! 230 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से दौड़ती ‘नाग’ मिसाइल का लक्ष्य हमेशा सटीक और विध्वंसकारी होता है। भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुए इन तीन परीक्षणों में ‘नाग’ ने हर बार अपने लक्ष्य को पूरी तरह ध्वस्त कर यह साबित कर दिया कि वह दुश्मनों के लिए काल साबित होगी।
रक्षा मंत्रालय ने इस पर गर्व व्यक्त करते हुए घोषणा की है कि ‘नाग’ अब भारतीय सेना के बेड़े में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह उपलब्धि भारत की स्वदेशी तकनीकी क्षमता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, जो देश की सुरक्षा को और भी मजबूत बनाएगी।
दुश्मन का सटीक खात्मा
नाग मिसाइल 'फायर-एंड-फॉरगेट' तकनीक पर आधारित है, जिसका अर्थ है कि इसे दागने के बाद किसी अतिरिक्त निर्देश की आवश्यकता नहीं होती। यह हर मौसम में कार्य करने में सक्षम है और दुश्मन के (Nag Mk-2)टैंकों को सटीकता से नष्ट कर सकती है। इन्फ्रारेड तकनीक से लैस यह मिसाइल लॉन्च से पहले लक्ष्य को लॉक करती है और तेजी से उसे खत्म कर देती है। इसकी मारक क्षमता 4 किलोमीटर है, जो इसे दुश्मनों के लिए खतरनाक बनाती है।
300 करोड़ की लागत से बनी आधुनिक मिसाइल
डीआरडीओ ने नाग मिसाइल को 300 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया है। इसका पहला परीक्षण 1990 में हुआ था और इसके बाद 2017, 2018 और 2019 में विभिन्न ट्रायल किए गए, जिनमें नई तकनीकों को जोड़ा गया। जुलाई 2019 में भी पोकरण फायरिंग रेंज में इसका सफल परीक्षण हुआ था। नाग मिसाइल डीआरडीओ के एकीकृत मिसाइल विकास कार्यक्रम का हिस्सा है, जो भारतीय सेना को आधुनिक तकनीकों से लैस करता है।
नाग एमके-2 की विशेषताएं
नाग एमके-2, भारतीय सेना के लिए एक उन्नत एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम है। इसका वजन लगभग 45 किलो और लंबाई 6 फीट एक इंच है। यह मिसाइल हल्की होने के साथ-साथ हर मौसम में काम करने में सक्षम है। इसकी उन्नत तकनीक दुश्मनों के टैंकों के खिलाफ भारत की सैन्य ताकत को कई गुना बढ़ा देती है।
भारतीय सेना को नई ताकत
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नाग मिसाइल की इस सफलता के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह मिसाइल भारतीय रक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाएगी और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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