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Shri Ganganagar News: दहेज की प्रताड़ना से तंग आकर मां ने सिलाई कर बच्चों को बनाया अफसर, संघर्ष से भरी मां की कहानी

Shri Ganganagar News: श्री गंगानगर। बचपन में खेलने, पढ़ने की उम्र में मां-बाप ने शादी करके ससुराल भेज दिया हो, जहां ससुराल में दहेज़ के लिए रोज प्रताड़ना से गुजरना पड़े, तो अंदाजा लगाया जा सकता है, उस 18 साल की...
09:48 AM May 13, 2024 IST | Prashant Dixit

Shri Ganganagar News: श्री गंगानगर। बचपन में खेलने, पढ़ने की उम्र में मां-बाप ने शादी करके ससुराल भेज दिया हो, जहां ससुराल में दहेज़ के लिए रोज प्रताड़ना से गुजरना पड़े, तो अंदाजा लगाया जा सकता है, उस 18 साल की बालिका पर क्या गुजरती होगी, यहीं नहीं दहेज के लिए पति ने मारपीट करके घर से निकाल भी दिया हो, तो ऐसी दशा में बालिका कितने दिन जिन्दा रहना चाहेगी ?

ससुराल में चूल्हे-चौके की जिम्मेदारी

श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ की रहने वाली 63 वर्षीय मधु गर्ग (Shri Ganganagar) की बचपन में खेलने कूदने की उम्र में परिजनों ने शादी कर ससुराल भेज दिया था। मधु के पढ़ने लिखने के दिन थे। तब मधु ससुराल में चूल्हे चौके की जिम्मेवारी संभाल रही थी। जहां दहेज़ की सोच ने मधु को शादी के बाद खुश नहीं रहने दिया। पति ने दहेज़ के लिए मधु को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था।

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दो बच्चों के साथ घर से निकाला

जिसके बाद दहेज़ के लिए मधु के पति ने मात्र 21 साल की उम्र में घर से बेघर कर दिया। एक साल का बेटा और मात्र 14 दिनों की बेटी के साथ मधु को घर से निकाल दिया गया था। ससुराल से बेघर मधु दो बच्चो के साथ खुले आसमान में रात्रि बिताने को मजबूर थी। मधु ने हार नहीं मानी और माता पिता और भाई की मदद से सूरतगढ़ में ही किराए पर कमरा लेकर बच्चो की परवरिश शुरू कर दी।

मुश्किल में भगवान ने परीक्षा ली

मधु ने बुरे वक्त में घर-घर जाकर बच्चो को ट्यूशन पढ़ना (Shri Ganganagar) शुरू किया। इस बुरे वक्त में मधु का किसी ने साथ नहीं दिया। वह अपने हौसले से आगे बढ़ती गई। मधु गर्ग ने कहा मेरी मुश्किल घडी में भगवान ने परीक्षा ली, लेकिन मेरे मासूम बेटे और बेटी के चेहरों पर ख़ुशी लाने के लिए कड़ी मेहनत करके पढ़ाया लिखाया है। मधु के जीवन का संघर्ष सफल हुआ।

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राजस्थान प्रशासनिक सेवा में बेटा

जब वक्त ने करवट बदली, तो बेटा अवि गर्ग 2005 में फर्स्ट ग्रेड अध्यापक बना। तो वहीं बेटी प्रीती गर्ग कृषि अधिकारी बनकर मां के द्वारा विपरीत परिस्तिथियों में की गयी परवरिश को चार चांद लगा दिए। मधु गर्ग की ख़ुशी तब और बढ़ गयी जब बेटा अवि गर्ग 2015 में राजस्थान प्रशासनिक सेवा में राज्य में टॉपर बन गया। मधु गर्ग के बुरे वक्त में माता पिता और भाई राजेंद्र के अलावा किसी ने साथ नहीं दिया।

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