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Meena High Court History: दौसा में है आदिवासी समुदाय की अपनी हाई कोर्ट, एक लव स्टोरी के चलते रखी गई थी नींव

Meena High Court History: जयपुर। दुनिया भर में आदिवासी समुदाय आज अपनी संस्कृति और पहचान को बचाने का संघर्ष कर रहे हैं। सौभाग्य से राजस्थान में आदिवासी समुदायों ने अपनी संस्कृति बचाने के लिए कई तरह की व्यवस्थाएं विकसित कर...
01:38 PM Aug 09, 2024 IST | Avdhesh

Meena High Court History: जयपुर। दुनिया भर में आदिवासी समुदाय आज अपनी संस्कृति और पहचान को बचाने का संघर्ष कर रहे हैं। सौभाग्य से राजस्थान में आदिवासी समुदायों ने अपनी संस्कृति बचाने के लिए कई तरह की व्यवस्थाएं विकसित कर ली है। दौसा के नांगलियावास गांव में बनी 'मीणा हाई कोर्ट' भी इसी तरह की एक व्यवस्था है जहां समुदाय में उठने वाले आंतरिक मुद्दों और झगड़ों को एक साथ बैठा कर सुलझाया जाता है। आइए जानते हैं, क्या कहानी है 'मीणा हाई कोर्ट' की

31 वर्ष पहले रखी गई थी 'मीणा हाई कोर्ट' की नींव

आज से 31 वर्ष पूर्व 16 जुलाई 1993 को दौसा जिले के चूड़ियावास में एक ऐसी घटना घटी थी जिसकी वजह से गांव और मीणा समुदाय पूरे देश की नजरों में आ गया था। यहां एक विवाहित महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर उस उसकी लाश को खेत में फेंक दिया था। मृतक के परजिनों ने नांगल राजावतान पुलिस स्टेशन में महिला और उसके प्रेमी की विरुद्ध मामला दर्ज करवाया परन्तु आरोपियों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई।

इस स्थिति से नाराज मीणा समुदाय के पंचों ने खाप पंचायत बुलाकर आरोपी महिला और उसके प्रेमी को पकड़ कर उनके चेहरे पर कालिख पोत दी, दोनों को गधे पर बैठा कर जुलूस निकाला। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंच कर मीणा समुदाय के कई पंचों को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस की कार्रवाई से मीणा समुदाय नाराज हो गया और पंचों की रिहाई के लिए कोर्ट में अपील की गई। परन्तु पंचों की याचिका खारिज होने के बाद किरोड़ीलाल मीणा के नेतृत्व में दौसा कलेक्ट्रेट पहुंच कर 50 हजार से अधिक लोगों ने धरना दिया। धरने में करीब 15 हजार महिलाएं भी सम्मिलित थी। मीणा समुदाय के बढ़ते विरोध को देखते हुए सरकार ने पंचों को रिहा कर दिया।

ऐसे बना 'मीणा हाई कोर्ट'

उसी समय मीणा समुदाय ने तय किया कि कोई भी मामला पुलिस अथवा कोर्ट में जाने से पहले समाज के अंदर ही सुलझा लिया जाए। इसी पहल को 'मीणा हाई कोर्ट' (Meena High Court history) नाम दिया गया। मीणा हाई कोर्ट के लिए वर्ष 2009 में एक सुंदर भवन भी बनाया गया। यह एक समानांतर ज्यूडिशियल व्यवस्था के रूप में काम करता है। आज भी हर वर्ष 9 अगस्त को यहां पर आदिवासी समुदाय के लोग, राजनेता तथा समाज के गणमान्य नागरिक एकत्रित होकर अपनी उपस्थिति दर्शाते हैं।

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