बांसवाड़ा में मासूमों और गर्भवती महिलाओं से खिलवाड़, आंगनबाड़ी केंद्रों पर परोसा जा रहा जहर!
Banswara Anganwadi News: (मृदुल पुरोहित) मातृ एवं शिशु मृत्युदर कम करने और पोषण (Malnutrition) में वृद्धि के लिए केंद्र और राज्य सरकार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से योजनाओं का संचालन कर रही हैं। लेकिन इन योजनाओं का सच्चाई धरातल पर बेहद परेशान करने वाली हैं। हालात यह हैं कि बांसवाड़ा (Banswara Anganwadi) जैसे आदिवासी बहुल जिले में कुपोषित बच्चों, गर्भवती तथा धात्री महिलाओं को दिया जा रहा पोषाहार गुणवत्ता के मानकों पर खरा नहीं उतर पा रहा है। इसकी सच्चाई शहर के आंगनवाड़ी केंद्रों में ही सामने आ गई है।
पोषण के नाम पर मजाक
शहर के मुस्लिम कॉलोनी क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग की शहरी परियोजना के अन्तर्गत आंगनवाड़ी केंद्र संचालित है। यहां बच्चों और गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली खिचड़ी से मूंग की दाल गायब है। पोषण के नाम पर पीले चावल ही दिए जा रहे हैं। यहां खिचड़ी के पैकेट में मूंग की दाल नहीं दिखी, तो पोषाहार के पैकेट्स में दी जा रही सामग्री भी खराब मिली। इसके चलते मुस्लिम कॉलोनी ही नहीं, बल्कि अन्य स्थानों पर भी आंगनवाड़ी केंद्रों में लाभार्थी पोषाहार के यह पैकेट नहीं ले रहे हैं।
कार्यकर्ता बोली-सामग्री खराब
केंद्र पर नियुक्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने कहा कि पोषाहार का वितरण करने के लिए जब ठेकेदार का कार्मिक आया तो पैकेट देखकर कहा कि यह खराब है और वापस ले जाओ, तो कार्मिक ने कहा कि आगे से ही ऐसा मिला है। अधिकारियों से बात कर लो। कार्यकर्ता ने कहा कि जो सामग्री मिली, उसमें कुछ पैकेट अच्छे होने पर उसी का वितरण किया। खराब पैकेट किसी को वितरित नहीं किए हैं।
जनप्रतिनिधियों ने जताई नाराजगी
गुणवत्ताहीन पोषाहार मिलने पर शहर के वार्ड नंबर 60 के पार्षद स्नेहल जॉन, शाहरूख खान ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के कहने पर भी खराब पैकेट ठेकेदार नहीं ले जा रहा है। ऐसे में अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत साफ दिख रही है। गुणवत्ताहीन सामग्री का वितरण करने से गर्भवती महिला और बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।