बीकानेर का शिव मंदिर जहां मुगलों और अफगानों का इतिहास आज भी जीवंत है....जानें अनसुनी बातें!
Maha Shivratri 2025: बीकानेर, जिसे मरू नगरी के नाम से भी जाना जाता है, अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। इस शहर में कई ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के मंदिर स्थित हैं, जिनमें से कसौटीनाथ महादेव मंदिर विशेष रूप से श्रद्धालुओं और इतिहास प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। (Maha Shivratri 2025)यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
मुगल सम्राट हुमायूं की शरण स्थली
कसौटीनाथ महादेव मंदिर एक ऐतिहासिक घटना का साक्षी भी है। 16वीं शताब्दी में, जब मुग़ल सम्राट हुमायूं शेरशाह सूरी से युद्ध में पराजित हुए, तो उन्होंने इस मंदिर में गुप्त रूप से शरण ली थी। यह घटना मंदिर के महत्व को और बढ़ाती है, और इसके ऐतिहासिक प्रमाण मंदिर के बाहर लगे सरकारी सूचना बोर्ड पर भी देखे जा सकते हैं। यह स्थान इतिहास के पन्नों में दर्ज है, और हुमायूं की शरण स्थली के रूप में इसका उल्लेख किया जाता है।
कसौटीनाथ महादेव मंदिर की स्थापना 16वीं शताब्दी में की गई थी। बाद में 17वीं शताब्दी में बीकानेर के शासक महाराजा गजसिंह ने मंदिर के पुनरुद्धार का कार्य किया। इस पुनरुद्धार के दौरान मंदिर की संरचना को भव्य रूप दिया गया और ऊपरी मंजिल पर गजपतेश्वर महादेव मंदिर स्थापित किया गया। खास बात यह है कि गजपतेश्वर महादेव मंदिर पूरी तरह खुले में स्थित है, और इसकी छत नहीं है, जो इसे अद्वितीय बनाती है।
नाथ संप्रदाय का महत्वपूर्ण केंद्र
कसौटीनाथ महादेव मंदिर नाथ संप्रदाय के संतों की तपोस्थली भी रही है। इस मंदिर के पुजारी मनोज सेवग के अनुसार, नाथ संप्रदाय से जुड़े कई संतों ने यहां घोर तपस्या की थी। मंदिर के अंदर एक गहरी गुफा है, जिसमें संत-महात्मा वर्षों तक तपस्या किया करते थे। आज भी इस मंदिर में उन संतों की तपोबल का प्रभाव महसूस किया जा सकता है।
कसौटीनाथ महादेव मंदिर के मुख्य गर्भगृह में कसौटीनाथ महादेव विराजमान हैं। इसके अलावा यहां गजपतेश्वर महादेव और माता चामुंडा के मंदिर भी स्थित हैं। माता चामुंडा का मंदिर एक गुफा के रूप में मंदिर के पीछे स्थित है। मंदिर परिसर में एक अद्वितीय नाथसागर तालाब भी है, जो लगभग 30 फीट ऊंचाई पर स्थित है, और यह माना जाता है कि यह संतों और महात्माओं का स्नान स्थल रहा है।
धार्मिक...ऐतिहासिक महत्व
कसौटीनाथ महादेव मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह एक प्रमुख स्थल है। यहां की स्थापत्य कला, नाथ संप्रदाय का आध्यात्मिक प्रभाव और ऐतिहासिक घटनाएं इसे बीकानेर के सबसे विशिष्ट मंदिरों में से एक बनाती हैं। हुमायूं की शरण स्थली होने से लेकर नाथ संप्रदाय के तपोस्थली तक, इस मंदिर का महत्व बहुआयामी है।
यह मंदिर आज भी श्रद्धालुओं और इतिहास प्रेमियों के लिए एक प्रमुख स्थल बना हुआ है। यहां आने वाले भक्तों को अद्भुत शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है। यदि आप बीकानेर की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक विरासत को महसूस करना चाहते हैं, तो कसौटीनाथ महादेव मंदिर के दर्शन अवश्य करें।
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