Barmer Lok Sabha Seat Counting: बाड़मेर सीट से कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल जीते, मंत्री कैलाश चौधरी को हराया
Barmer Lok Sabha Seat Counting: बाड़मेर। लोकसभा चुनाव 2024 में बाड़मेर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से इंडियन नेशनल कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदा राम बेनिवाल को 118176 मतों से विजयी घोषित किया गया। उन्हें 704676 मत मिले है। वहां के रिटर्निंग अधिकारी निशांत जैन ने बताया कि इंडियन नेशनल कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनिवाल को 704676, निर्दलीय प्रत्याशी रविन्द्र सिंह भाटी को 586500, भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी कैलाश चौधरी को 286733 वोट मिले है।
बाड़मेर-जैसलमेर लोक सभा सीट के परिणाम
जबकि बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी लीला राम को 7585, आजाद समाज पार्टी (काशीराम) के प्रत्याशी प्रभूराम को 6396 वोट मिला है। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी ताराराम मेहना को 49957, निर्दलीय प्रत्याशी देवीलाल जैन को 3023, निर्दलीय प्रत्याशी पोपट लाल को 3159, निर्दलीय प्रत्याशी प्रतापाराम को 8318, निर्दलीय प्रत्याशी रामाराम को 6041, निर्दलीय प्रत्याशी हनीफ को 7760 मत मिले। वहीं साथ ही नोटा को 17903 मत मिले है।
तीनों में टक्करी मुकाबला
देशभर में चर्चित राजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर लोक सभा सीट के परिणाम के लिए सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हो गई थी। इस सीट पर कांग्रेस, भाजपा और निर्दलीय मेें टक्करी मुकाबला है। यहां से भाजपा ने मोदी सरकार में मंत्री कैलाश चौधरी को प्रत्याशी बनाया था। वहीं, कांग्रेस ने जाट नेता उम्मेदाराम बेनीवाल को उम्मीदवार बनाया था। यहां से निर्दलीय उम्मीदवार रविंद्र सिहं भाटी के मैदान में आने से मुकाबला रोचक हुआ। इस लोकसभा सीट के परिणाम पर देशभर की जनता की निगाहें है।
रविंद्र सिंह भाटी से त्रिकोणीय हुआ मुकाबला
राजस्थान की बाड़मेर- जैसलमेर सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है। भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी यहां दूसरी बार चुनाव लड़े हैं तो कांग्रेस ने उम्मेदाराम को अपना प्रत्याशी बनाया। मगर इस मुकाबले को रोचक रविंद्र सिंह भाटी ने बनाया है जो शिव विधानसभा से निर्दलीय विधायक चुने जाने के बाद बतौर निर्दलीय प्रत्याशी ही लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरे।
बाड़मेर-जैैसलमेर में 10 साल से भाजपा अजेय
बाड़मेर जैसलमेर संसदीय सीट पर पिछले 10 साल से भाजपा जीत दर्ज करती आ रही है। 2014 में भाजपा के सोनाराम चौधरी यहां से सांसद बने। इसके बाद 2019 में भी भाजपा के कैलाश चौधरी की जीत हुई। हालांकि, इससे पहले के चुनावों पर गौर करें तो यहां 1991 से 1999 तक कांग्रेस का दबदबा रहा। इसे 2004 में भाजपा के मानवेंद्र सिंह ने खत्म किया। इसके बाद 2009 में फिर कांग्रेस के हरीश चौधरी यहां से सांसद चुने गए और अब पिछले 10 साल से यह सीट भाजपा के पास है।
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