Kotputli Murder: दिल दहला देने वाली घटना, पिता ने गला रेतकर की 12 वर्षीय बेटी की हत्या, फिर कूदा ट्रक के आगे
Kotputli Murder: हिमांशु सैन। कोटपुतली के बहरोड़ से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पिता ने अपनी ही बेटी की निर्मम हत्या कर दी और फिर खुद भी आत्महत्या करने की कोशिश की। मामला कोटपूतली-बहरोड़ जिले के बोंद में गुरुवार सुबह 7 बजे का है, जहां एक पिता ने अपनी 12 साल की बेटी की गला काटकर हत्या कर दी। इसके बाद खुद ट्रक के आगे कूद गया। बच्ची अपने पिता और दादी के साथ रहती थी।
हत्या के बाद आत्महत्या
बहरोड़ सदर थाना अधिकारी अमित कुमार ने बताया कि 'सुबह 10:30 बजे सूचना मिली कि बहरोड़ से 7 किलोमीटर दूर बर्डोद गांव में नरेंद्र जाट (33) ने बेटी विनीता (12) की गला रेत कर हत्या कर दी। इसके बाद नरेंद्र ने घर के सामने ही ट्रक के आगे कूदकर जान देने की कोशिश की। ट्रक की स्पीड धीमे होने से वह बच गया। उसके सिर में हल्की चोट आई है।
शव का कराया पोस्टमार्टम
पुलिस FSL टीम और डॉग स्क्वाड के साथ मौके पर पहुंची। जहां बच्ची का शव लहूलुहान हालत में चारपाई पर पड़ा मिला। नरेंद्र को इलाज के लिए बहरोड़ के एक निजी अस्पताल लेकर गए। बहरोड़ के सरकारी अस्पताल की मॉच्र्युरी में पोस्टमॉर्टम के बाद बच्ची का शव मां को सौंप दिया है। मामले की जांच की जा रही है। मां बोली- पति गलत आरोप लगाकर मारपीट करता था।
बच्ची की मां सुमन (30) ने बताया- मेरी 13 साल पहले बर्डोद निवासी नरेंद्र जाट के साथ शादी हुई थी। शादी के बाद नरेंद्र मेरे चरित्र पर शक करते हुए मारपीट करता था। इस दौरान उसने कई बार मुझे घर से निकाल दिया। 2 महीने पहले नरेंद्र ने एक बार फिर मुझसे मारपीट की। इसके बाद मैं छोटी बेटी वंशिका (6) को लेकर नारनौल (हरियाणा) में अपने पीहर चली गई। बड़ी बेटी विनीता का स्कूल होने के कारण वह बर्डोद में ही थी। वह छठी क्लास में पढ़ती थी।
आरोपी पिता ने लिखा सुसाइड नोट
थाना अधिकारी अमित कुमार ने बताया- बेटी की हत्या करने और ट्रक के आगे कूदने से पहले नरेंद्र ने एक सुसाइड नोट लिखा था। इसमें उसने दोनों (खुद और बेटी) के सुसाइड करने की बात लिखी है। पुलिस ने बताया- घटना के समय बच्ची की दादी घर में ग्राउंड फ्लोर पर पानी भर रही थी। इस दौरान विनीता और उसका पिता नरेंद्र फर्स्ट फ्लोर पर थे। विनीता की हत्या के बाद नरेंद्र नीचे आया और ट्रक के आगे कूद गया।
सुमन के पीहर चले जाने के बाद नरेंद्र की मां उसके घर पर रहने के लिए आई थी। इससे पहले वह नरेंद्र के घर से दो किलोमीटर दूर अपने दूसरे बेटे के पास रहती थी।
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