6 दिन से बोरवेल में फंसी चेतना, मां की मार्मिक अपील - अपनी बेटी समझकर ही निकाल दो
Kotputli Borewell Hadsa: (हिमांशु सेन): राजस्थान के कोटपूतली में एक तीन साल की मासूम पिछले छह दिन से बोरवेल में फंसी हुई है। इस घटना (Kotputli Borewell Hadsa) की सूचना के बाद से ही बचाव दल अपने प्रयास में लगा हुआ है। लेकिन छह दिन से तमाम तरीकों को अपनाने के बाद भी बचाव टीम को सफलता नहीं मिली है। पिछले दो दिन बारिश भी बचाव कार्य में बाधा बन चुकी है। लेकिन इसी बीच मासूम चेतना की मां ने बचाव टीम और जिला कलेक्टर से मार्मिक अपील की।
"अगर कलेक्टर मैम की बेटी होती तो क्या इतने दिन बोरवेल में फंसी रहती?..." आखिरकार टूट गई चेतना की मां धोली देवी
कोटपूतली में 3 साल की मासूम पिछले 6 दिन से बोरवेल में फंसी है और उसे निकालने की तमाम कोशिशें फेल हो गई है.
इस बीच चेतना की मां ने जिला कलेक्टर से मार्मिक अपील करते… pic.twitter.com/8m3DJ4kErt
— Rajasthan First (@Rajasthanfirst_) December 28, 2024
अपनी बेटी समझकर ही निकाल दो: चेतना की मां
अपनी बिटिया को छह दिन से बोरवेल में फंसे होने का दुख के बीच चेतना की मां धोली देवी ने जिला कलेक्टर सहित तमाम बचाव टीम से मार्मिक अपील की। चेतना की मां धोली देवी बोली "मेरी बेटी भूख प्यास से तड़प रही होगी। मेरी बात ना सुनो तो उसे बेचारी कन्या की आत्मा की पुकार सुन लो। मेरी बेटी को जल्दी से जल्दी निकाल लो। कलेक्टर मैडम इतनी लापरवाही क्यों बरत रही हो मेरी बेटी के लिए अगर तुम्हारी बेटी होती तो क्या इतनी लापरवाही बरतते। थोड़ी देर थोड़ी देर में निकालने की कहकर अभी तक उनकी थोड़ी देर भी नहीं हुई।''
अंतिम चरण में रेस्क्यू कार्य:
बच्ची को बचाने का रेस्क्यू कार्य छठवें दिन अपने अंतिम चरण में है। पालिंग मशीन से बोरवेल के समानांतर जहां 170 फीट का ड्रिल करके खुदाई करने के बाद उसमें केसिंग का कार्य पूरा हो चुका है अब कुछ ही समय में एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू के लिए नीचे उतर कर मैन्युअल इंटरनल बनाकर रेस्क्यू को कार्य करेगी। एनडीआरएफ टीम रणनीति बनाने में जुटी है। रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ के जवान अभी तैयार हो रहे हैं कुछ समय में नीचे उतरेंगे।
23 दिसंबर को हुआ था हादसा:
बता दें राजस्थान के कोटपूटली बहरोड़ जिले के कीरतपुरा गांव में 23 दिसंबर की दोपहर को एक बच्ची बोरवेल में गिर गई। उसके बाद से अब करीब 120 घंटे से ज्यादा का समय हो गया है, देशी जुगाड़, रैट माइनर्स और तकनीकी सहायता के बावजूद बच्ची तक बचाव टीम नहीं पहुंच पा रही है। बताया जा रहा है कि बोरवेल 700 फीट गहरा है, जिसमें बच्ची 150 फीट की गहराई पर फंसी हुई है। परिवारजनों सहित ग्रामीण सिर्फ इस बात पर ही टकटकी लगाए हुए कि बच्ची बोरवेल से कब निकलेगी।
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