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Kotputli Borewell Accident: 41 घंटे से बोरवेल में भूखी-प्यासी फंसी है मासूम...अब प्रार्थनाओं का दौर जारी

Kotputli Borewell Accident: : कोटपूतली के कीरतपुरा गांव में एक तीन साल की बच्ची चेतना बोरवेल में गिर गई। इस घटना को हुए करीब 41 घंटों का समय हो गया है। इस दौरान तमाम प्रशासन के बड़े अधिकारियों सहित NDRF...
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Kotputli Borewell Accident: : कोटपूतली के कीरतपुरा गांव में एक तीन साल की बच्ची चेतना बोरवेल में गिर गई। इस घटना को हुए करीब 41 घंटों का समय हो गया है। इस दौरान तमाम प्रशासन के बड़े अधिकारियों सहित NDRF की टीमें हर पल संघर्ष कर रही हैं। हर तरीके की तकनीक का सहारा लिया जा चुका है। लेकिन इसके बाद भी मासूम चेतना को अब तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। चेतना (Kotputli Borewell Accident) के माता-पिता और परिवारजन अभी उस पल का इंतज़ार कर रहे है जब उनकी बिटिया को बोरवेल से बाहर निकाला जाएगा। इसके अलावा सभी लोग बच्ची के सकुशल बाहर निकलने की प्रार्थना कर रहे हैं।

41 घंटे से बोरवेल में भूखी-प्यासी फंसी है मासूम:

कोटपूतली में बोरवेल में गिरी तीन साल की चेतना को बचाने का अभियान लगातार जारी है। 24 घंटे बाद बच्ची को लगभग 10 फीट ऊपर खींचा गया है, हालांकि वह अभी भी लगभग 140 फीट की गहराई पर अटकी हुई है। बचाव कार्य में अब पाइलिंग मशीनों का उपयोग किया जा रहा है, जिन्हें गुरुग्राम से मंगवाया गया है। ठंड और नमी के बावजूद, ये अधिकारी अपनी पूरी ताकत से बच्ची को बचाने के लिए जुटे हैं।

गीली मिट्टी के कारण से बढ़ी परेशानी:

बता दें जब बच्ची बोरवेल में गिरी तो उसके बाद कैमरे में उसकी हलचल साफ़ दिखाई दे रही थी। एक अनुमान के मुताबिक वो बोरवेल में करीब 150 फ़ीट पर फंसी है। इसके बाद बच्ची को निकालने के लिए देशी जुगाड़ का सहारा लिया गया। लेकिन एक बार फिर बचाव टीम का देशी जुगाड़ काम नहीं आया। अब चेतना को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अब पाइलिंग मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। बोरवेल के पास एक खड्डा और खोदा जा रहा है। गीली मिट्टी के कारण होने के कारण बचाव कार्य में परेशानी आ रही है।

क्या बोले मौके पर मौजूद अधिकारी:

कोटपूतली उपखंड अधिकारी बृजेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पीईलिंग मशीन के लिए घटनास्थल से 20 फुट की दूरी पर लगभग 25 फुट गहरा खड्डा खोलकर मशीन के लिए प्लेटफार्म बनाया गया है। एडिशनल एसपी एनडीआरएफ में जानकारी देते हुए बताया कि पीईलिंग मशीन द्वारा 150 फीट तक खड्डा खोदने की कुल क्षमता है। मशीन द्वारा 110 फीट तक खड़ा खोदा जाएगा।

अब चमत्कार की उम्मीद:

बता दें पिछले 41 घंटे से बोरवेल में भूखी-प्यासी फंसी हुई है। सोमवार को खेलते वक्त वह बोरवेल में गिर गई, और अब 24 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन मासूम की मदद के लिए प्रयास अभी भी जारी हैं। अब परिवार के साथ पूरे प्रदेश के लोगों को किसी बड़े चमत्कार की उम्मीद है। जिसने भी इस घटना के बारे में जाना अब वो मासूम के जल्द से जल्द बाहर निकलने की दुआ कर रहा है।

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