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Kotputli Borewell Accident: 65 घंटे से 'चेतना' की जिंदगी से जारी जंग, करीब 160 फीट हो चुकी है खुदाई

Kotputli Borewell Accident: (हिमांशु सेन): कोटपूतली में बोरवेल में गिरी साढ़े तीन साल की मासूम की जिंदगी को बचाने के लिए 65 घंटे से अधिक समय से संघर्ष जारी है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ (Kotputli Borewell Accident) की टीमें दिन-रात एक...
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Kotputli Borewell Accident: (हिमांशु सेन): कोटपूतली में बोरवेल में गिरी साढ़े तीन साल की मासूम की जिंदगी को बचाने के लिए 65 घंटे से अधिक समय से संघर्ष जारी है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ (Kotputli Borewell Accident) की टीमें दिन-रात एक करके बच्ची को बाहर निकालने का हर संभव प्रयास कर रही हैं। पहले देसी जुगाड़ से बच्ची को बाहर निकालने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस बीच, बच्ची की मासूमियत और उसके परिवार की बेचैनी दिल को झकझोर देती है।

करीब 160 फीट हो चुकी है खुदाई:

मासूम चेतना को बचाने के लिए हर प्रयास किए जा रहे हैं योगेश कुमार एनडीआरएफ इंचार्ज में जानकारी देते हुए बताया करीब 160 फीट खुदाई हो चुकी है। बीच में पत्थर होने की वजह से मशीन को ड्रिलिंग करने में समस्या आ रही थी। फिलहाल दूसरी मशीन मंगवा कर खुदाई की जा रही है। कुछ ही देर बाद होरिजेंटल मैन्युअल खुदाई कर बच्ची तक पहुंच जाएगा। इसमें अभी समय लग सकता है। लेकिन आज ही बच्ची को बाहर निकलने का काम पूरा हो जाएगा।

सुबह 5:30 बजे पहुंची जिला कलेक्टर:

बता दें हादसे के बाद से तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। सुबह 5:30 बजे जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल भी पहुंची। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर पूरी जानकारी ली। इसके बाद बच्ची के परिवारजनों से मुलाकात की। इसके अलावा एसपी और विधायक भी यहां पहुंचकर स्थिति का जायजा ले चुके हैं। बता दें आज सुबह 3 बजे के करीब पाईलिंग मशीन को करीब 135 फीट पर पत्थर आने की वजह से रोका गया था।

बच्ची की स्थिति फिलहाल स्थिर: एसडीएम

एसडीएम बृजेश कुमार ने बताया कि ''बच्ची की स्थिति फिलहाल स्थिर है। उसे ऑक्सीजन की आपूर्ति लगातार की जा रही है। लेकिन परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीण बच्ची के सकुशल बाहर आने की प्रार्थना कर रहे हैं।'' बता दें घने कोहरे के बीच भी बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन फिलहाल तमाम प्रयास के बावजूद बच्ची तक नहीं पहुंचा जा सकता हैं। हालांकि इस बीच ग्रमीणों में प्रशासन के खिलाफ थोड़ी नाराजगी भी देखने को मिल रही हैं।

ऑपरेशन को दो हिस्सों में बांटा है:

प्लान A: बोरवेल में फंसी बच्ची को देशी जुगाड़ और हुक के माध्यम से खींचकर बाहर लाने की कोशिश की गई। चार बार प्रयास किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली,

प्लान B: अब बोरवेल के समानांतर खुदाई की जा रही है। पाइलिंग मशीन के जरिए 150 फीट तक खुदाई की जाएगी। हालांकि प्लान बी के तहत अभी पायलिंग मशीन से खुदाई का कार्य तेज हुआ है। इसके बाद सुरंग बनाकर बच्ची तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा।

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