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Kota: ERCP प्रोजेक्ट के पहले बैराज नवनेरा में जल संसाधन विभाग ने रोका पहली बार कालीसिंध नदी का पानी, 217 मीटर तक भरा जाएगा पानी

Kota: अर्जुन अरविंद। ईआरसीपी प्रोजेक्ट के पहले कालीसिंध नदी पर बने बैराज नवनेरा की जल परीक्षा शुरू हो गई। आज रविवार से बैराज की फुल टेस्टिंग के लिए अप स्ट्रीम में पानी रोका जा रहा है। बैराज के 27 गेटों...
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Kota: अर्जुन अरविंद। ईआरसीपी प्रोजेक्ट के पहले कालीसिंध नदी पर बने बैराज नवनेरा की जल परीक्षा शुरू हो गई। आज रविवार से बैराज की फुल टेस्टिंग के लिए अप स्ट्रीम में पानी रोका जा रहा है। बैराज के 27 गेटों की टेस्टिंग भी होगी। 12 सितंबर तक यह प्रोसेस चलेगा। कोटा-श्योपुर स्टेट हाईवे 70 का ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है। कालीसिंध नदी की बडौद पुल बैराज के 208 मीटर लेवल पर डूब चुकी है। और 217 मीटर फुल टैंक लेवल तक बैराज में पानी भरा जाएगा। ऐसे में बैराज की गेट और भराव क्षमता परखी जाएगी। इसके साथ ही जलभराव क्षेत्रों की जानकारी भी ली जाएगी। कालीसिंध नदी के किनारों पर जल स्तर चेक किया जाएगा।

प्रशासन ने आदेश जारी कर आसपास के गांवों में 5 दिन की चेतावनी जारी की है। साथ ही, स्टेट हाईवे-70 (कोटा से इटावा) पर आवाजाही पूरी तरह बंद रखा है। इस दौरान आसपास के इलाकों की बैरिकेडिंग की गई और 2 थानों की पुलिस तैनात है। मॉनिटरिंग जल संसाधन विभाग के अधिकारी और राजस्व विभाग के पटवारी कर रहें हैं।

54 क्यूबिक मीटर पानी पीने के लिए सुरक्षित रखा जाएगा

जल संसाधन विभाग के एक्सईएन अनिल यादव ने बताया कि बैराज का निर्माण पूरा हो चुका। बैराज के 27 गेटों का निर्माण किया गया है। आज से 12 सितंबर तक इन गेटों की टेस्टिंग की जानी है। बैराज की भराव क्षमता 226.65 मिलियन क्यूबिक मीटर है। इसमें से 54 क्यूबिक मीटर पानी पीने के लिए सुरक्षित रखा जाएगा। इस पर 442 करोड़ रुपए की लागत से कोटा, बूंदी, बारां के 6 कस्बों और 749 गांवों को पेयजल आपूर्ति की जाएगी।

दो थानों की पुलिस रहेगी तैनात

नवनेरा में काली सिंध नदी पर बने इस बैराज में जल भराव के कारण ढिबरी-कालीसिंध पुलिया पर असर पडा। इस कारण स्टेट हाईवे 70 (कोटा और श्योपुर को जोड़ता है) पर आवागमन बंद हो गया। इटावा के डीएसपी शिवम जोशी ने बताया कि इस दौरान पुलिया पर पूरी तरह से आवागमन बंद है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए इटावा और बूढ़ादीत थाना पुलिस के जवान तैनात किए हैं।

कोटा-इटावा के बीच आवागमन को सुचारू रखने के लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार किए गए हैं। 8 से 12 सितंबर तक कोटा जाने वाले सीसवाली और अंता होते हुए इटावा जा रहें हैं। ट्रैफिक को गेंता, माखीदा, और लबान होते हुए चलाया जा रहा हैं।

ERCP प्रोजेक्ट

प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के दूसरे कार्यकाल में साल 2017 में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का खाका तैयार किया था। पार्वती, चंबल और कालीसिंध नदी को जोड़ने की रूपरेखा तैयार की थी। पूर्वी राजस्थान के जयपुर, अजमेर, करौली, टोंक, दौसा, सवाई माधोपुर, अलवर, बारां, झालावाड़, भरतपुर, धौलपुर, बूंदी और कोटा को जल संकट से छुटकारा मिलेगा। पेयजल के साथ किसानों को सिंचाई का पानी मिल सकेगा। पिछले दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव के बीच इसे लेकर एमओयू हुआ था। और आज बैराज बनकर तैयार हो गया। उसकी टेस्टिंग अपस्ट्रीम में पानी भरकर की जा रही है। 10 सितंबर तक पानी भरा जाएगा। उसके बाद पानी को रोका जाएगा और 12 सितंबर तक बैराज के पानी को गेट खोलकर छोड़ा जाएगा।

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