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हे भगवान! कोटा में फिर एक सुसाइड, 20 साल के छात्र ने मौत को गले लगाया...4 दिन बाद था एग्जाम

कोटा में शुक्रवार देर रात एक और कोचिंग स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया है जहां कोटा में इस साल कोचिंग स्टूडेंट के सुसाइड का यह चौथा मामला सामने आया है.
12:58 PM Jan 18, 2025 IST | Rajasthan First

Kota Student Suicide: देश के कोचिंग हब के रूप में विख्यात राजस्थान का कोटा लगातार सुर्खियों में है जहां प्रशासन और सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद छात्रों के सुसाइड का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब मिली ताजा जानकारी के मुताबिक कोटा में शुक्रवार देर रात एक और कोचिंग स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया है जहां कोटा में इस साल कोचिंग स्टूडेंट के सुसाइड का यह चौथा मामला सामने आया है.

जानकारी के मुताबिक पिछले 3 साल से जवाहर नगर थाना क्षेत्र में नाना-नानी के घर रहकर तैयारी कर रहे 20 साल के मनन जैन ने मौत को गले लगा लिया. बता दें कि मनन का 22 जनवरी को जेईई-मैंस का एग्जाम था जिससे पहले उसने सुसाइड किया है.

बता दें कि कोटा में साल 2025 के पहले महीने में यह स्टूडेंट के सुसाइड का चौथा मामला है. इससे पहले 7 जनवरी, 8 जनवरी और 16 जनवरी को 3 स्टूडेंट्स ने सुसाइड किए थे.

बूंदी का निवासी और इकलौता बेटा था मनन

बता दें कि घटना को लेकर जवाहर नगर थाना प्रभारी ने जानकारी दी कि मनन बूंदी जिले के इंदरगढ़ इलाके का रहने वाला था और 3 साल से कोटा में अपनी मौसी के लड़के के साथ नानी के घर पर रहकर जेईई की तैयारी करता था.

बताया गया है कि वह पढ़ाई में काफी होशियार था. फिलहाल सुसाइड के कारणों का पता नहीं चला है. वहीं पुलिस ने शव एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया था जो परिजनों को सौंप दिया गया है.

पिता करते हैं मोबाइल का काम

वहीं शव लेने पहुंचे मृतक के मामा महावीर जैन ने बताया मनन के पिता मनीष जैन का इंदरगढ़ में मोबाइल का काम है और उसके नाना-नानी का पहले ही देहांत हो चुका है. वहीं घटना के एक दिन पहले ही उसने अपने माता-पिता से फोन पर बात की थी और आज फोन नहीं उठाने पर परिजन घबरा गए और मौके पर आकर देखा तो ये समाचार मिला.

परिवार ने डोनेट कर दी आंखें

वहीं मृतक छात्र मनन जैन के परिजनों ने घटना के बाद एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में छात्र के शव का पोस्टमार्टम करवाने से इनकार किया. इसके अलावा परिवार ने मनन की आंखों को डोनेट करने का फैसला किया जिसके बाद एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी के बाहर एंबुलेंस में ही नेत्र दान की सारी प्रक्रिया पूरी करवाई गई.

-(कोटा से अर्जुन अरविंद की रिपोर्ट)

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