Kota Railway News: कोटा में 180km की रफ्तार से दौड़ा डबल डेकर कोच, दोहराया इतिहास
Kota Railway News: कोटा। पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में डबल डेकर कोच का ट्रायल किया जा रहा है। इस दौरान डबल डेकर कोच को 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया जा रहा है। डबल डेकर कोच को सवाई माधोपुर और शामगढ़ रेलवे स्टेशनों के बीच 180km प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया जा रहा है। बुधवार को कोटा-नागदा स्टेशनों (Kota Railway News) के बीच डबल डेकर कोच का ट्रायल किया गया था। अब शुक्रवार को भी कोच का ट्रायल किया जाएगा, इस दौरान कोच की स्पीड़ 180km प्रति घंटे ही रहेगी। दरअसल, डबल डेकर कोच के 11 ट्रायल होने है, इनमें से 3 ट्रायल हो चुके है। बाकी 8 ट्रायलों को भी जल्द किया जाएगा।
अलग-अलग वजन के साथ होंगे ट्रायल
इस बारे में रेल अधिकारियों ने बताया कि देश में डबल डेकर के कोच पहले से ही चल रहे हैं। लेकिन इस डबल डेकर कोच में एक व्यवस्था की गई है जो पार्सल लगेज़ रखने की व्यवस्था है। अब इसके चलते कोच में यात्रियों के अलावा गार्ड और लगेज़ की भी व्यवस्था होगी और इसी लगेज़ वाले डबल डेकर कोच का ट्रायल किया जा रहा है। बता दें कि यह ट्रायल लखनऊ स्थित अनुसंधान अभिकल्प मानक संगठन द्वारा 13 जुलाई से शुरू किया गया था। जो कि अभी तक सफल बताया जा रहा है।
यात्रियों के वजन के बराबर रखी जाएगी रेत
गौरतलब है कि ट्रायल के अगले फेज़ में कोच में यात्रियों के बराबर वजन रखकर ट्रायल किया जाएगा। बताया जा रहा है कि वजन के लिए कोटा में कोच की हर सीट पर रेत से भरे बोरे रखे जाएंगे। हालांकि कोच की क्षमता को परखना ही इस ट्रायल का मकसद बताया जा रहा है। आरडीएसओ द्वारा ट्रायल के बाद इसकी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजी जाएगी और फिर रेलवे बोर्ड के निर्णय के बाद ही इन कोच को ट्रेनों में लगाना शुरू किया जाएगा।
कोटा में हुआ था वंदे भारत का पहला ट्रायल
पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में दो साल पहले जुलाई माह में डलब डेकर कोच का ट्रायल हुआ था, उस समय भी 180 KM प्रति घंटे की रफ्तार से कोच को दौड़ाया था। अब भी दो साल बाद कोच ने 180KM प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़कर इतिहास दोहराया है। इतना ही नहीं कोटा रेल मंडल में वंदे भारत (Vande bharat train) का भी पहला ट्रायल हुआ था। 7 साल पहले 180km प्रतिघंटे की स्पीड़ से ट्रायल करके ट्रेन दौड़ाई थी। दरअसल, कोटा रेल मंडल का यह ट्रैक देशभर में सबसे मजबूत हाई स्पीड़ के लिए भी जाना जाता है। इस कारण से ही इस ट्रैक पर तेज़ स्पीड़ से ट्रायल किया जाता है।