Kota News: दुकान और पेड़ के नीचे चल रहे स्कूल, विधानसभा में भी उठ चुका है मुद्दा, शिक्षा मंत्री के दावे की खुली पोल
Kota News: कोटा। प्रदेश के स्कूलों के हालात को लेकर विधानसभा में हाल ही में बीजेपी के कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने खुले में स्कूल और कक्षाएं संचालित होने का मुद्दा उठाया था। जवाब में प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि राजस्थान में एक भी स्कूल ऐसा नहीं है जो खुले में चल रहा हो। लेकिन, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के गृह जिले कोटा की जो तस्वीर सामने आईं हैं, उसने सच्चाई को सबके सामने ला दिया।
दुकान में चल रहा प्राइमरी स्कूल
बरडा बस्ती में वन भूमि पर एक स्कूल चलता था, जिसे अनंतपुरा थाने के पिछे शिफ्ट किया। यहां स्कूल के लिए कोई भवन नहीं है। इसलिए यूआईटी की दुकानों में स्कूल चलता है। बिजली कनेक्शन नहीं होने के कारण बच्चे उमस और गर्मी से परेशान रहते हैं।
ऐसे में 40 से ज्यादा नामांकन वाले स्कूल के बच्चों को टीचर को खुले आसमान के नीचे पेड़ के नीचे बैठना पड़ता है। इससे उन्हें उमस भरी गर्मी से राहत मिलती है और अच्छे से पढ़ाई कर पाते हैं। (Kota News)
इस तरह के हालात बताने वाली जो तस्वीरें सामने आईं, उससे तो यही लगता है कि शिक्षा मंत्री के पास अफसरों की ओर से पूरा फीडबैक नहीं पहुंच रहा है। यही बात सदन में भाजपा विधायक संदीप शर्मा ने कहा था कि अफसर आपको गलत जानकारी दे रहे हैं।
पेड़ के नीचे कक्षाएं नहीं लगाने के निर्देश
प्रारंभिक शिक्षा मुख्यालय के डीईओ ने एक निर्देश जारी करते हुए मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों से कहा कि खुले में या पेड़ के नीचे क्लास नहीं लगाएं। भवन या कक्षा जर्जर हैं तो कक्षाएं सुरक्षित स्थान पर लगाएं। स्टाफ के वाहनों को स्कूल के बाहर पार्क करें। (Kota News)
स्कूल जिनकी हालत खराब
नालोदी के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की हालत भी कुछ ठीक नहीं है। यहां 308 स्टूडेंट्स का नामांकन है। हालांकि, कमरें नहीं होने से आठवीं तक की कक्षाएं पेड़ों के नीचे लगती हैं। बारिश होने पर छुट्टी करनी पड़ती है। (Kota News)
कोटा जिले के अयाना गांव के महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल का भवन बरसों से जर्जर है। पांच कक्षाएं खुले में पेड़ के नीचे लगती हैं। कोटा शहर के महावीर नगर प्रथम में संचालित हो रहे महात्मा गांधी स्कूल में आठ कमरों की जरूरत है लेकिन कम ही कमरे हैं।
ऐसे में स्टूडेंट्स को बरामदे में बैठना पड़ता है। यहां पर 186 से ज्यादा विद्यार्थियों का नामांकन है। फिलहाल, देखना होगा कि शासन और प्रशासन किस तरह से कार्रवाई करता है। (Kota News)