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Kota: चंद्रलोई नदी में 4 मगरमच्छों की मौत बनी रहस्य...अब नदी के पानी की होगी जांच ! DFO ने लिखा पत्र

राजस्थान में चंबल की सहायक चंद्रलोई नदी में 4 मगरमच्छों की मौत रहस्य बन गई है, मौत के कारणों का पता नहीं लग पा रहा है।
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Kota News Rajasthan: राजस्थान के कोटा जिले में चंबल नदी की सहायक नदी चंद्रलोई में चार मगरमच्छों की मौत रहस्य बन गई है। (Kota News Rajasthan) महज सात दिन के भीतर चार मगरमच्छों की मौत से वन विभाग भी परेशान है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी मौत के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया। जिसके बाद अब वन विभाग ने चंद्रलोई नदी के पानी की जांच करवाने के लिए पत्र लिखा है।

चंद्रलोई नदी में मगरमच्छों की मौत बनी रहस्य

चंबल नदी की सहायक चंद्रलोई नदी में एक के बाद एक मगरमच्छ दम तोड़ रहे हैं। पिछले 7 दिनों में 4 मगरमचछों की मौत हो चुकी है। वन विभाग क्रोकोडाइल की बॉडी कलेक्ट कर पोस्टमार्टम भी करवा रहा है। मगर मौत के कारणों का पता नहीं लग पा रहा है। क्योंकि मगरमच्छ की जो भी बॉडी मिल रही हैं, वह 4 से 5 दिन पुरानी मिल रही हैं। ऐसे में उसके अंग बॉडी पार्ट खराब हो जाने के कारण पोस्टमार्टम के बावजूद भी डॉक्टर साफ तौर पर यह नहीं बता पा रहे कि किन कारणों की वजह से मगरमच्छ की मौत हुई है।

चंद्रलोई के पानी की जांच के लिए लिखा पत्र

कोटा वन मंडल के उप वन संरक्षक एके श्रीवास्तव के मुताबिक मृतक मगरमच्छों में एक दो की उम्र काफी थी। मगर इनकी मौत के कारणों का भी पता नहीं लग पाया है। अब विसरा जांच के लिए भेजा है, जिसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ समझ आएगा। इसके साथ ही नदी के पानी की जांच के लिए भी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को पत्र लिखा गया है। जिससे यह पता लगाया जा सके कि कहीं चंद्रलोई नदी या इससे जुड़े नालों के पानी से ही तो मगरमच्छ को नुकसान नहीं हो रहा।

नदी में मगरमच्छ से कौन ले रहा वैर ? 

कोटा की चंबल नदी और इसकी सहायक चंद्रलोई नदी में हजारों मगरमच्छ हैं। सर्दी के दिनों में 10 से 15 फीट से लेकर छोटे- छोटे मगरमच्छ धूप सेंकने नदी के किनारों पर आ जाते हैं। ऐसे में वन विभाग को यह भी आशंका है कि कहीं कोई मगरमच्छों को नुकसान तो नहीं पहुंचा रहा। फिलहाल इन सभी आशंकाओं का समाधान होना बाकी है, मगरमच्छों की रहस्यमयी मौत का खुलासा जांच के बाद ही हो पाएगा।

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