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Kota Illegal Mining: कोटा बूंदी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल पर मुकदमा दर्ज, गुंजल ने प्रशासन पर लगाए ये आरोप

Kota Illegal Mining: कोटा। राजस्थान की कोटा बूंदी सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान संपन्न हो चुका है। जिसके बाद भीषण गर्मी में राजनैतिक पारा नीचे आ गया था। अब एक बार फिर सियासी उफान आ गया है।...
09:38 AM May 22, 2024 IST | Prashant Dixit

Kota Illegal Mining: कोटा। राजस्थान की कोटा बूंदी सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान संपन्न हो चुका है। जिसके बाद भीषण गर्मी में राजनैतिक पारा नीचे आ गया था। अब एक बार फिर सियासी उफान आ गया है। जिसका कारण कोटा बूंदी सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार प्रहलाद गुंजल पर अवैध खनन का मुकदमा दर्ज होना है। जिसके बाद से दोनों तरफ से आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है।

अमीन पठान का फार्म हाउस जमीदोंज

कांग्रेस नेता अमीन पठान के वन भूमि पर बने फार्म हाउस को कोटा प्रशासन जमीदोंज करने की कार्रवाई कर चुका है। जिसके बाद अब कांग्रेस के कोटा-बूंदी सीट से लोकसभा उम्मीदवार प्रहलाद गुंजल के खिलाफ रानपुर थाने में अवैध खनन, पत्थर का अवैध संग्रणन करने सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। इस मुकदमा के दर्ज होने के बाद प्रहलाद गुंजल ने कार्रवाई को द्वेषता पूर्ण बताया है। उन्होंने साथ ही 4 जून के बाद सड़कों पर उतरकर विरोध करने की चेतावनी प्रशासन को दी है। प्रहलाद गुंजल (Kota Illegal Mining) और भतीजे लोकेश गुंजल पर मुकदमा दर्ज हुआ है।

प्रहलाद बोले राजनीति से प्रेरित कार्रवाई

जिसको प्रहलाद गुंजल ने राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताया है। प्रहलाद गुंजल ने कहा कि यह सब बीजेपी बौखलाहट में करवा रही है। भाजपा प्रत्याशी ओम बिरला के इशारे पर प्रशासन काम कर रहा है। ओम बिरला ने अपनी हार मान ली है। उसी बौखलाहट में प्रशासन का दुरूपयोग कर रहे हैं। प्रहलाद गुंजल ने दावा करते हुए कहा कि जिस जमीन पर क्रेशर को अवैध बताया जा रहा है। उस जमीन को साल 2010 में क्रेशर के लिए कन्वर्ट किया जा चुका है। यह जमीन राजाराम भील की थी। जिसको 16 मई 2011 को राजाराम भील से खरीदा था। जिसकी रजिस्ट्री 31 अक्टूबर 2011 को हई थी।

क्रेशर कागज और अनुमति से संचालित

जिसके बाद 2016 से क्रेशर संचालित किया जा रहा है। इस क्रेशर को कागज और अनुमति से संचालित किया जा रहा है। अब सिर्फ परेशान करने के लिए कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि 2016 से लेकर 2028 तक की एनवायरमेंट क्लीयरेंस हमारे पास है। उसके बाद कोई और अनुमति लेने की जरूरत नहीं रहती है। सभी अधिकारियों पर विरोधियों द्वारा दबाव बनाया जा रहा है। आईजी रवि दत्त गौड नियमों को एक किनारे रख करके कार्रवाई करने को आमादा है। उन्होंने आगे कहा कि 4 जून को नतीजे आने के बाद हजारों की तादाद में समर्थकों के साथ आईजी कार्यालय का घेराव करेंगे।

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