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Kolkata Doctor Case: हड़ताल पर चला गया धरती का भगवान! अस्पतालों में चरमराई व्यवस्थाएं...दर-दर भटक रहे मरीज

Kolkata Doctor Case: कोटपूतली। कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के मामले को लेकर देश में लोगो का गुस्सा थम नहीं रहा है। घटना के विरोध में IMA के आह्वान पर देशभर में सरकारी और निजी अस्पतालों में चिकित्सक...
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Kolkata Doctor Case: कोटपूतली। कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के मामले को लेकर देश में लोगो का गुस्सा थम नहीं रहा है। घटना के विरोध में IMA के आह्वान पर देशभर में सरकारी और निजी अस्पतालों में चिकित्सक हड़ताल पर रहे। इसमें राजस्थान के जिले भी शामिल हैं। कोटपुतली समेत जयपुर ग्रामीण इलाकों का भी यही हाल है। हालांकि सरकारी अस्पतालों में सिर्फ OPD सेवा बंद रही जबकि इमरजेंसी में मरीजों का उपचार किया जा रहा है। इधर, निजी अस्पतालों में 24 घंटे का शटडाउन रहा। इसके चलते मरीजों को काफी परेशानी हुई। क्षेत्र के निजी अस्पतालों के डॉक्टर आज सुबह 6:00 बजे से लेकर 18 तारीख सुबह 6:00 बजे तक पूर्ण रूप से हड़ताल पर रहेंगे। घटना को लेकर चिकित्सकों में काफी रोष है और वे सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।

बून्दी में चिकित्सकों की हड़ताल से बिगड़ी व्यवस्थाएं

कोलकाता में रेप के बाद डॉक्टर की हत्या के विरोध में बून्दी में भी आज (शनिवार को) डॉक्टर 24 घंटे तक हड़ताल पर हैं। इस दौरान केवल इमरजेंसी में ही मरीजों को देखा जा रहा है। जबकि ओपीडी सेवा पूरी तरह से बंद है। डॉक्टर पश्चिम बंगाल सरकार की बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का आरोप है कि इसमें हाईप्रोफाइल लोग शामिल हो सकते हैं, इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए। वहीं, राज्य चिकित्सक संघ ने भी इस घटना को लेकर विरोध जताया। शनिवार को सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज करवाया। आईएमए के बून्दी जिलाध्यक्ष डॉक्टर अनिल जांगिड़ ने बताया कि कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या का मामला वीभत्स है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों पर हिंसा को रोकने के लिए एक केंद्रीय कानून भी होना चाहिए।

हड़ताल से अस्पताल में बिगड़े हालात

जिला अस्पताल में चिकित्सकों की हड़ताल के दौरान मरीज को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि इमरजेंसी सेवाएं जारी रही। लेकिन अस्पताल में ओपीडी पूरी तरह से बंद थी। मरीज और मरीजों के तीमारदारो को यहां वहां भटकते रहे।

घटना को लेकर आज रात कैंडल मार्च

कोलकाता में हुए हैवानियत के विरोध में बूंदी के सेवारत चिकित्सको ने राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की अपील की गई है। चिकित्सकों ने आईएमए एवं सेवारत चिकित्सा संघ के बैनर तले इन दोषियों के खिलाफ फांसी की सजा जैसी धाराओं के तहत कार्यवाही की मांग की है। अखिल राजस्थान सेवा चिकित्सक संघ के जिलाध्यक्ष डॉ विनोद कुमार शर्मा ने कहा कि इस मामले को लेकर शनिवार शाम 7 बजे सभी चिकित्सक आजाद पार्क से अहिंसा सर्किल तक कैंडल मार्च निकालेंगे।

बांसवाड़ा में ओपीडी का बहिष्कार

रेजिडेंट डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के मामले में राजस्थान के डॉक्टर के कार्य बहिष्कार के तहत बांसवाड़ा में भी इसका असर देखने को मिला है। शनिवार को बांसवाड़ा में चिकित्सकों ने विरोध प्रदर्शन किया। जिला मुख्यालय पर महात्मा गांधी चिकित्सालय में शनिवार सुबह चिकित्सक ड्यूटी पर आए, किंतु उन्होंने ओपीडी में मरीजों को नहीं देखा। हालांकि इमरजेंसी सेवाएं शुरू रखी। चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन कर कहा कि इस मामले में बड़ा कदम नहीं उठाने पर चिकित्सक आपातकालीन सेवाओं का भी बहिष्कार कर देंगे।

मरीज हुए परेशान

इधर, चिकित्सकों के कार्य बहिष्कार की जानकारी नहीं होने से चिकित्सालय में पहुंचे मरीजों, परिचारकों और आमजन को निराश होकर लौटना पड़ा। पहले लोग पर्ची कटाने के लिए लगे। पर्ची कटाने के बाद जब मरीज चिकित्सकों के कक्ष में पहुंचे तो कोई नहीं मिला। मरीज और उनके साथ आए परिजन चिकित्सकों के बारे में एक-दूसरे से पूछताछ करते रहे।

डूंगरपुर में भी अस्पताल की सेवाएं बाधित

कोलकाता की घटना के विरोध में डूंगरपुर जिलों में भी डॉक्टरों ने पेन डाउन कर हड़ताल की, जिससे अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर पड़ा है। जिला अस्पताल में हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं। केवल इमरजेंसी सेवाओं को इस बंद से छूट दी गई है। लेकिन ओपीडी, पर्ची काउंटर और अन्य सभी नियमित सेवाएं प्रभावित रहीं। शनिवार सुबह 8 बजे के बाद से अस्पताल में मरीजों की भीड़ उमड़ने लगी, लेकिन हड़ताल के कारण उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा।

चूरू में चिकित्सकों ने किया ओपीडी का बहिष्कार

रेजिडेंट डॉक्टर के साथ दुष्कर्म ओर हत्या के अलावा न्याय मांग रहे डॉक्टर्स पर भीड़ द्वारा किए गए जान लेवा हमले के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन तथा अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के आह्वान पर चूरू में भी जिला राजकीय भरतिया अस्पताल के चिकित्सकों ने पेन डाउन करते हुए ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया। हालांकि, इस दौरान डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर आईपीडी और अति आवश्यक चिकित्सा सेवाएं दी। इधर चिकित्सकों के कार्य बहिष्कार की जानकारी नहीं होने से चिकित्सालय में पहुंचे मरीजों, परिचारकों और आमजन को निराश होकर लौटना पड़ा।

डॉक्टर्स ने अस्पताल स्थित पार्क में महिला चिकित्सक को 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी तथा नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के चूरू जिला अध्यक्ष डॉ राहुल कस्वां ने बताया की इस वीभत्स अपराध में शामिल वास्तविक अपराधियों को चिन्हित एवं गिरफ़्तार कर, दिवंगत चिकित्सक को न्याय और सभी चिकित्सकों के कार्यस्थल पर पुख़्ता सुरक्षा व्यवस्था की हमारी मांग है।

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