"आधी रात में पुलिस ने की बर्बरता..." SI भर्ती मामले में नया बवाल, मंजू शर्मा ने सुनाई दिल दहला देने वाली कहानी!
SI paper leak Rajasthan: राजस्थान की राजधानी जयपुर में पुलिस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। बुधवार को बीजेपी नेता और सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने गृहराज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म के घर जाकर इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जहां एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। (SI paper leak Rajasthan)मंजू शर्मा, जो इस कार्रवाई से प्रभावित थीं, ने भावुक होते हुए अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि कैसे आधी रात को पुलिस उनके घर पहुंची और परिवार को डरा-धमका दिया। इस घटनाक्रम ने ना केवल राजस्थान की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि इसने यह भी दिखा दिया कि कभी-कभी आवाज़ उठाना और अपने हक के लिए लड़ना भी कितना कठिन हो सकता है।
मंजू शर्मा ने रोते हुए पत्रकारों से कहा, "क्या अपनी मांग करना गलत है? क्या हम अपने हक की बात नहीं कर सकते?" उनका यह सवाल उस पीड़ा और भय को उजागर करता है, जिसे उन्होंने पुलिस की इस बर्बर कार्रवाई के दौरान महसूस किया। इस घटना ने राज्य के राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है, और अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या सच में लोगों को अपने अधिकारों के लिए लड़ने का हक नहीं है?
पुलिस का तांडव.. घर की खिड़की तोड़ी, गालियां दीं
अनीता गुर्जर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "पुलिस रात में हमारे घर आई, गेट कूदकर अंदर घुसी और गंदी-गंदी गालियां देने लगी। उन्होंने घर की खिड़की तोड़ दी। क्या हम लोकतंत्र में अपनी बात नहीं रख सकते?" इस बर्बरता ने पूरे इलाके को सकते में डाल दिया, और अनीता ने सवाल उठाया कि क्या केवल अपनी मांग उठाना गलत है?
विकास बिधूड़ी ने कहा, "पुलिस रात में हमारे घर क्यों आई? क्या सरकार हमारी आवाज दबाने के लिए इतना आगे बढ़ चुकी है? हम कुछ नहीं कर रहे, बस उन लोगों के खिलाफ बोल रहे हैं जिन्होंने पेपर लीक किया। पुलिस उन पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?" विकास ने यह भी बताया कि उन्होंने अपनी जानकारी किरोड़ी लाल मीणा को दी थी, और वह खुद इस आंदोलन का हिस्सा नहीं थे, बल्कि उन्होंने केवल न्याय की मांग की थी।
फोन पर धमकियां और पेपर लीक का मामला
विकास बिधूड़ी ने कहा, "हमारा कोई मकसद नहीं था। हम चाहते थे कि राइजिंग राजस्थान समिट हो, क्योंकि इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा। हम पेपर लीक करने वालों के खिलाफ हैं, लेकिन पुलिस हमारे खिलाफ क्यों कार्रवाई कर रही है?" उन्होंने आरोप लगाया कि आरपीएससी के सदस्य और पेपर लीक के दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, और उन्हें डराया-धमकाया जा रहा है।
आंदोलन नहीं, सिर्फ सवाल उठाने की आवाज
लादू राम गोदारा, जो जयपुर में पानी की टंकी पर चढ़े थे, ने बताया कि उन्हें और उनके साथियों को किसी ने नहीं सुना। "हमने केवल फर्जीवाड़े पर सवाल उठाया था, लेकिन सरकार के नुमाइंदे हमें सुनने के बजाय पुलिस भेजने लगे। हम 5 दिसंबर को मुख्यमंत्री से मिलने वाले थे, लेकिन अब हम पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं," उन्होंने कहा। गोदारा ने यह भी स्पष्ट किया कि 9 तारीख को कोई आंदोलन नहीं होगा, और उनका सिर्फ एक ही उद्देश्य था – सिस्टम में सुधार लाना और युवाओं के हक की आवाज उठाना।
क्या राजस्थान में युवा अपनी आवाज नहीं उठा सकते?
यह पूरा विवाद राजस्थान की राजनीति में एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। क्या युवाओं के लिए अपनी मांगें रखना और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करना अब खतरे का सबब बन चुका है? पुलिस की इस बर्बर कार्रवाई ने ना केवल विकास बिधूड़ी और उनकी पत्नी अनीता गुर्जर को डराया है, बल्कि यह पूरी स्थिति लोकतांत्रिक अधिकारों पर भी सवाल उठाती है।
यह भी पढ़ें: किरोड़ी लाल मीणा ने इंटेलीजेंस रिपोर्ट को बताया शर्मनाक! कहा ”क्या मैं मंत्री रहते ऐसा कर सकता हूं?