राजस्थानराजनीतिनेशनलअपराधकाम री बातम्हारी जिंदगीधरम-करममनोरंजनखेल-कूदवीडियोधंधे की बात

Kirodi Lal Meena Controversy: अपनी ही सरकार में किरोड़ीलाल मीणा क्यों हैं इतने बेचैन? क्या 'कुर्सी' में फंस गया सारा मामला?

Kirodi Lal Meena Controversy: दौसा। "धुआं जो कुछ घरों से उठ रहा है, न पूरे शहर पर छाए तो कहना" मशहूर शायर जावेद अख्तर ने अपनी इस नज़्म ने शहर, सियासत, सत्ता और समाज के हर तानेबाने को शब्दों की...
10:54 PM May 18, 2024 IST | Pushpendra Trivedi

Kirodi Lal Meena Controversy: दौसा। "धुआं जो कुछ घरों से उठ रहा है, न पूरे शहर पर छाए तो कहना" मशहूर शायर जावेद अख्तर ने अपनी इस नज़्म ने शहर, सियासत, सत्ता और समाज के हर तानेबाने को शब्दों की सजावट में बांध दिया। धुआं कहां जाकर गुब्बार बन जाए पता भी नहीं चलता।

हालांकि सियासत के गलियारों की बात करें तो यहां अक्सर धुएं के साथ ऐसी चिंगारियां भी उठती हैं, जिनकी तपिश जून के तपते सूरज सरीखी होती हैं। फिर उठने वाला धुआं किसकी छत पर छाएगा ये भविष्य के गर्भ में कैद होता है। दरअसल, आज हम बात कर रहे हैं राजस्थान के सियासी गलियारों की जहां, लोकसभा रण की चुनावी चिकल्लस ने एक अलग ही तूफान खड़ा कर दिया है।

 

दिसंबर में भजनलाल शर्मा ने सूबे के सेनापति की कमान संभाली

बता दें कि राजस्थान में बीते साल दिसंबर में भजनलाल शर्मा सूबे के सेनापति की कमान संभालने के बाद जब उनकी सेना बनी तो किरोड़ीलाल मीणा (Kirodi Lal Meena Controversy) के कद और अनुभव के मुताबिक विभाग नहीं मिलने को लेकर नाराजगी की भीतरखाने चर्चाएं थी।

किसी ने कहा उम्मीद के मुताबिक पद नहीं मिला तो कोई बोला मीणा को दरकिनार किया जा रहा है। हालांकि, किरोड़ीलाल ने खुलकर इस पर कभी कोई बयान नहीं दिया बस इशारों में चौंसर की चाल चलते रहे। वहीं, इसके बाद मौका आया लोकसभा चुनाव का और चुनावी चौसर बिछते ही मीणा ने अपनी नाराजगी के इर्द-गिर्द तानाबाना बुनना शुरू कर दिया।

आइए कुछ घटनाक्रम पर गौर करते हैं और विस्तार से समझाते हैं कि कैसे किरोड़ीलाल मीणा (Kirodi Lal Meena Controversy) ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सीधे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की घेराबंदी करनी शुरू की।

दौसा लोकसभा सीट बन गई गले की फांस!

दरअसल, किरोड़ीलाल मीणा के मंत्री पद संभालते ही बीजेपी आलाकमान से लोकसभा चुनावों में दौसा सीट उनके जिम्मे आ गई जहां चुनावी माहौल तैयार हुआ तो किरोड़ीलाल (Kirodi Lal Meena Controversy) की साख का सवाल बन गया। ऐसे में किरोड़ीलाल ने अपनी नाराजगी की भूमिका चुनावी नतीजों के साथ बांधने के बाद फिर सीधा सरकार के मुखिया पर हमलावर रूख एख्तियार कर बनाई।

सूबे में मतदान के बाद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि अगर दौसा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी की हार होती है, तो वह अपनी मंत्री की कुर्सी छोड़ देंगे। इस दौरान वह काफी नाराज दिखे और उन्होंने कहा कि अगर दौसा से कन्हैंया लाल मीणा चुनाव हार जाता है तो मैं अपना इस्तीफा दे दूंगा...मुझे धोखा मिलता रहा है लेकिन मैं जनता के लिए काम करता रहूंगा। (Kirodi Lal Meena Controversy)

 

"हर हाल में इस्तीफा दे दूंगा.."

उन्होंने यह भी कहा कि मैंने पार्टी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से और कन्हैया लाल मीणा (Kirodi Lal Meena Controversy) से वादा किया था, ऐसे में वह हारा तो मैं उसी दिन इस्तीफा दे दूंगा। चाहे मेरी शहीदी हो जाए या मुझे सड़क पर खड़ा रहना पड़ जाए। इस बयान के बाद जानकारों ने कहा कि 4 जून के बाद सूबे के राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर तूफान आने की संभावना है और ये राजस्थान बीजेपी में बड़े बवंडर की आहट है।

वहीं कुछ राजनीतिक विश्लेष्कों का मानना था कि किरोड़ीलाल मीणा अपने मंत्रालय से नाखुश थे और उनके समर्थकों में भी एक मायूसी की भावना है। ऐसे में वह चुनावी नतीजों से पहले ही नैतिक जिम्मेदारी की भूमिका तैयार कर रहे हैं। मालूम हो कि पिछली गहलोत सरकार में लगातार 5 सालों तक कभी धरने, कभी घेराव तो कभी मुद्दों के लिए सड़क पर संघर्ष करने वाले किरोड़ीलाल मीणा के इतिहास और उनके बेबाकी भरे अंदाज में लिपटे इस बयान को हर किसी ने गंभीरता से लिया।

वर्चस्व की लड़ाई का केंद्र बन गया दौसा!

दरअसल, दौसा सीट का लोकसभा चुनाव वहां के प्रत्याशी से शिफ्ट होकर सूबे की अन्य एक-दो सीटों की तरह व्यक्ति विशेष पर आ गया है जहां किरोड़ी vs मुरारीलाल मैदान में है। अगर हम इतिहास में पीछे चले तो पाएंगे कि दौसा सीट टिकट को लेकर पिछली बार भी आखिर तक फंसी रही थी और इस बार भी वैसा ही हुआ। बीजेपी ने जहां सिटिंग MP जसकौर मीणा का टिकट काटा, इससे पहले उनकी बेटी या किरोड़ी के भाई का नाम चल रहा था।

 

एक तीर से दो निशाने की कवायद

आखिर में बीजेपी ने बीच-बचाव करते हुए एक तीर से संभवत: दो निशाने साधते हुए किसी नए चेहरे को उतारा। इसके बाद किरोड़ीलाल मीणा (Kirodi Lal Meena Controversy) के जिम्मे दौसा सीट आ गई। वहीं चुनाव प्रचार के दौरान दौसा में पीएम नरेंद्र मोदी ने रोड शो किया।

किरोड़ीलाल, रथ पर बगल में खड़े दिखे ऐसे में संभवत: दौसा सीट जीतना किरोड़ीलाल के लिए वर्चस्व और खुद को साबित करने की लड़ाई के तौर पर आ टिकी। इसके बाद किरोड़ीलाल के मंत्री पद छोड़ने के बयान पर कांग्रेस ने भी घेराबंदी शुरू कर दी, जहां मुरारी लाल की एक सभा में सचिन पायलट ने तो बाद में पीसीसी चीफ डोटासरा ने भी कुर्सी छोड़ने वाले बयान पर तंज मारा।

 

पैरवी पर मिला कन्हैयालाल मीणा को टिकट

दौसा किरोड़ी लाल के भी प्रभाव वाला जिला माना जाता है। ऐसे में सियासी गलियारों में ये भी चर्चा रही कि जसकौर मीणा का टिकट कटने में किरोड़ी मीणा के सुझाव ने भी काम किया और उनकी पैरवी पर ही कन्हैयालाल मीणा को टिकट मिला। ऐसे में किरोड़ी लाल (Kirodi Lal Meena Controversy) की चुनाव प्रचार के दौरान लगातार उठी नाराजगी और गुस्से को बीजेपी के स्थानीय नेताओं के कामकाज के तौर तरीकों से भी जोड़कर देखा गया। वहीं चुनावी सभा में भीड़ नहीं जुटने पर भीतरघात की आहट भी सुनाई दी।

ERCP, गांधी नगर फ्लैट स्कीम और जल जीवन मिशन पर हमलावर मीणा

वहीं, सूबे में जब लोकसभा चुनावों का घमासान शांत हुआ तो किरोड़ीलाल मीणा ने अपनी तरकश के दूसरे तीर दागने शुरू कर दिए जहां उन्होंने राज्य सरकार के स्तर पर कई अनियमितताओं को उजागर करने के साथ ही सीधे सीएम भजनलाल शर्मा को निशाने पर लेना शुरू किया। किरोड़ीलाल (Kirodi Lal Meena Controversy) ने बीते दिनों कई अहम मुद्दों पर सीएम को सीधा पत्र लिखा और उचित एक्शन की मांग की। मीणा ने पहले सीएम भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर जल जीवन मिशन में घोटाले-धांधली की बात कही जिसके बाद सरकार ने सभी टेंडरों को निरस्त करने की कार्रवाई की।

 

सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप से खलबली

वहीं, इसके बाद किरोड़ीलाल ने राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के बीच पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) योजना में अपनी ही सरकार के विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर खलबली मचाई। कृषि मंत्री ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ईआरसीपी योजना में जल संसाधन विभाग पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए।

किरोड़ी लाल ने पत्र में लिखा है कि, योजना में जमीन बेचने में करोड़ों का खेल हुआ है, जहां जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने अलवर शहर से मुख्य मार्ग की जमीन ERCP को हस्तांतरित करने में अनुचित तरीके से नीलाम कर दिया है। उनका आरोप था कि 50 करोड़ की जमीन मात्र 9 करोड़ में बेच दी गई। भूमि के अनियमित बेचने को निरस्त करवाकर दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए।

 

मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनाने के प्रोजेक्ट में 1146 करोड़ के घोटाले की आशंका जताई

किरोड़ीलाल यहीं नहीं रूके बल्कि हाल ही में उन्होंने सीएम को एक और पत्र लिखा जिसमें उन्होंने जयपुर में गांधीनगर स्थित ओल्ड एमआरईसी कैम्पस व राजकीय कॉलोनी के पुनर्विकास योजना के नाम पीपीपी मॉडल पर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनाने के प्रोजेक्ट में 1146 करोड़ रुपए का घोटाला होने की संभावना जताई।

कृषि मंत्री ने इस प्रोजेक्ट में कुछ अफसरों पर आरईडीसीसी से सांठ-गांठ कर काली कमाई करने का आरोप लगाते हुए पत्र लिखा। मंत्री ने आरोप लगाया कि योजना को मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री व केबिनेट से अनुमोदित करवाए बिना ही काम शुरू कर दिया गया जबकि मुख्यमंत्री ने फाइल लौटा दी थी।

 

"पद से कद नहीं नापा जाता, कद हमेशा बड़ा रहता है"

अब आखिर में किरोड़ीलाल मीणा का वो एकमात्र बयान जो उन्होंने मनमुताबिक मंत्रालय नहीं मिलने के सवाल पर दिया था। एक इंटरव्यू में पूछे गए सवाल के जवाब में किरोड़ी (Kirodi Lal Meena Controversy) ने कहा था कि "पद से कद नहीं नापा जाता, कद हमेशा बड़ा रहता है"।

महात्मा गांधी और जेपी के पास कौनसे पद रहे थे" उन्होंने आगे कहा जो मिला है उसमें लगना है। अन्य कामों के लिए बाकी मंत्रियों से समन्वय करना है और गलत के खिलाफ आवाज उठानी ही है। मीणा का शायद यही अंदाज उनकी कमजोरी और मजबूती दोनों समय-समय पर बनता रहा है।

सियासी जानकारों का मानना है कि किरोड़ीलाल (Kirodi Lal Meena Controversy) लगातार सीधे सीएम पर हमलावर रूख अपनाकर अपनी ही सरकार के खिलाफ एक दबाव की राजनीति का रास्ता ले रहे हैं जिसकी परिनीति लोकसभा चुनावों के नतीजों में देखने को मिलेगी।

"इन दिनों धरना-प्रदर्शन को काफी 'मिस' कर रहा"

वहीं, दूसरी ओर किरोड़ीलाल मीणा की फितरत हमेशा धरना, प्रदर्शन और आंदोलन करने की रही है। हाल में उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि वह इन दिनों धरना-प्रदर्शन को काफी 'मिस' कर रहे हैं। ऐसे में बयानों के चलते राजनीतिक जानकार उनके इस बयान को इस्तीफे की पेशकश से जोड़कर देख रहे हैं।

चर्चा है कि अगर लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद राजस्थान सरकार में बड़ा बदलाव होता है तो वह किरोड़ीलाल का मंत्रालय और विभाग ही होगा। (Kirodi Lal Meena Controversy)

यह भी पढ़े: मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के पत्र पर राजस्थान की राजनीति में घमासान, यहां जानिए पूरा मामला

यह भी पढ़े: जयपुर में बनेगी दुनिया की आधुनिकतम फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, ED , CBI और NIA...

Tags :
Bhajanlal SharmaBJPBreaking Newscorruptiondausa loksabha seatDausa NewsERCP ProjectKanhaiya Lal MeenaKirodi Lal MeenaKirodi Lal Meena ControversyLatest NewsLOKSABHA ELECTION 2024National NewsOld MREC ProjectPolitics News In HindiRajasthan News in Hinditrending NewsViral News
Next Article