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Khetari RajasthanFirst Ground Report: नीमकाथाना की कॉपर माइन में हुए हादसे से निकले लोगों ने क्या कहा?

Khetari RajasthanFirst Ground Report: राजस्थान के नीमकाथाना के खेतड़ी की कॉपर माइन हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की कोलिहान में मंगलवार रात करीब सवा 8 बजे लिफ्ट की रस्सी टूट जाने से 15 लोग 1875 फीट गहराई में जा फंसे थे। लेकिन...
05:47 PM May 15, 2024 IST | Bodhyani Sharma

Khetari RajasthanFirst Ground Report: राजस्थान के नीमकाथाना के खेतड़ी की कॉपर माइन हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की कोलिहान में मंगलवार रात करीब सवा 8 बजे लिफ्ट की रस्सी टूट जाने से 15 लोग 1875 फीट गहराई में जा फंसे थे। लेकिन अब 15 में से 14 लोगों को निकाल लिया गया है और एक अधिकारी की इस हादसे में जान चली गयी है। जिन लोगों को रेसक्यू किया गया है उनमें से भी कई घायल हैं इसलिए उन्हें जयपुर के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। राजस्थान फ़र्स्ट ने मौके पर पहुँच कर ग्राउंड रिपोर्ट की तो जानिए माइन से निकले लोगों ने क्या बताया...

असिस्टेंट जनरल मैनेजर ने क्या बताया?

जिस माइन में हादसा हुआ वहाँ के एजीएम यानि असिस्टेंट जनरल मैनेजर भूपेश से जब राजस्थान फ़र्स्ट के संवादता ने मौजूदा स्थिति के बारे में सवाल किया तब एजीएम भूपेश ने बताया कि अब स्थिति कंट्रोल में है। कुछ लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए जयपुर भेज दिया गया है। स्थानीय प्रशासन और केसीसी के टीम मेम्बर की रेसक्यू टीम ने जाइंट ऑपरेशन चला कर इस रेसक्यू को अंजाम दिया। गहराई इतनी थी कि मुश्किल था परंतु धीरे धीरे सब जायजा लिया गया और रेसक्यू किया गया। रेसक्यू के लिए  सारे जरूरी संसाधनों के साथ टीम नीचे गई और उनकी मदद की।

माइन में फंसे विकास ने ये बताया

विकास नाम के एक व्यक्ति को जब माइन से निकाला गया तो राजस्थान फ़र्स्ट के संवादता से उन्होने बात की और बताया कि पिछले 18 घंटों से वो उसी माइन में थोड़ा ऊपरी तल पर थे जिस माइन में बाकी 15 अधिकारी फंसे हुए थे। माइन से आने जाने के लिए वही एक लिफ्ट थी जिसकी चैन टूट गयी थी। इसलिए उन्हें भी रेसक्यू कर के बाहर निकाला गया। इसके अलावा रेसक्यू के जरिये बाहर आए एक और व्यक्ति ने बताया कि वो मंगलवार शाम 4 बजे से माइन में फंसे हुए थे। बड़ी मशक्कत और रेसक्यू टीम के प्रयासों से वो आज जिंदा बाहर आए हैं। हालांकि उनके कुछ सहकर्मी घायल हो गए हैं।

परिजन दिखे परेशान

जब गुजरात फ़र्स्ट के संवादता ने माइन में फंसे हुए परिजनों से बात करने की कोशिश की तो कुछ महिलाओं ने बताया कि उनके पति उसी माइन में फंसे हुए थे जिन्हें रेसक्यू कर बाहर लाया जा रहा है। परंतु अभी भी उन्हें उनकी सही स्थिति की जानकारी नहीं है। जब तक अपनी आंखों से उन्हें नहीं देख लेंगे तब तक चैन नहीं पड़ेगा। महिलाएं भगवान का शुक्रिया अदा करती दिखाई दी और कहा कि इस बात की राहत है कि उन्हें जल्दी बचा लिया गया।

एक अधिकारी की चली गयी हादसे में जान

चीफ विजिलेंस ऑफिसर उपेंद्र पांडे को इस हादसे में नहीं बचाया जा सका। 4 भागों में की गयी इस रेसक्यू की कार्यवाही से 15 में से 14 अधिकारियों को जिंदा बचा लिया गया परंतु उपेंद्र पांडे ने अपनी जान गंवा दी। उनके शव को केसीसी अस्पताल में ही रखा गया है। करीब 18 घंटे लंबे इस रेसक्यू में कई घायलों का इलाज़ स्थानीय अस्पताल केसीसी और कई गंभीर घायलों का इलाज़ जयपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है। सभी खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।

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