Bikaner: बीकानेर में खेजड़ी के पेड़ों को बचाने के लिए 47 दिन से धरना..अब मुंह पर ताला लगाकर प्रदर्शन
Khejadi Bachao Andolan: बीकानेर में एक बार फिर खेजड़ी बचाओ आंदोलन देखने को मिल रहा है। बीकानेर कलेक्ट्रेट पर पर्यावरण प्रेमी ग्रामीण पिछले 47 दिन से धरना दे रहे हैं। (Khejadi Bachao Andolan) इनका कहना है कि क्षेत्र में खेजड़ी के पेड़ों को कटने से बचाने के लिए सरकार कानून लेकर आए। आज धरने पर बैठे लोगों ने मुंह पर ताला लगाकर अनूठा प्रदर्शन किया।
खेजड़ी के पेड़ों को बचाने के लिए 47दिन से जारी धरना
बीकानेर जिला कलेक्ट्रेट पर पर्यावरण प्रेमी और स्थानीय ग्रामीण राज्य वृक्ष खेजड़ी को बचाने के लिए 47 दिन से धरना दे रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का कहना है हम विकास के विरोधी नहीं हैं। मगर सोलर कंपनियां खेजड़ी के पेड़ों को लगातार काट रही हैं। जिससे क्षेत्र के पर्यावरण पर बुरा असर पड़ रहा है। इसे रोकने के लिए सरकार को तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है।
मुंह पर ताला लगाकर सरकारी की चुप्पी पर उठाए सवाल
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे वन्य जीव प्रेमी मोखराम धारणियां ने बताया कि खेजड़ी न केवल हमारी जैव विविधता का हिस्सा है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर भी है। इसे बचाना हमारा कर्तव्य है। जब तक सरकार ठोस कदम नहीं उठाती हमारा आंदोलन जारी रहेगा। आगामी 21 अक्टूबर को राजस्थान के सभी वन्य जीव प्रेमी कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे। आज मुंह पर ताला लगाकर प्रदर्शन से सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया गया।
'ठोस कदम उठाने तक जारी रहेगा आंदोलन'
कलेक्ट्रेट के बाहर आमरण अनशन पर बैठी अल्का विश्नोई का कहना है कि सोलर कंपनियां सैकड़ों की संख्या में खेजड़ी के पेड़ काट रही हैं। जिससे पर्यावरण का संतुलन बिगड रहा है। खेजड़ी के लिए हमारे पुरखों ने सिर तक कटवा दिए। ऐसे में हमारी मांग है कि सोलर कंपनियों द्वारा खेजड़ी वृक्षों की कटाई पर तुरंत रोक लगाई जाए। ऐसा नहीं हुआ तो खेजड़ी को बचाने के लिए हम अपने प्राणों की आहूति देने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
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