Bikaner: राजस्थान में खेजड़ी बचाओ आंदोलन ! बीकानेर-छतरगढ़ में धरना-प्रदर्शन, अनशन
Khejadi Bachao Andolan Bikaner: बीकानेर। राजस्थान में खेजड़ी के पेड़ों को बचाने के लिए आंदोलन (Khejadi Bachao Andolan Bikaner) तेज होता जा रहा है। बीकानेर और छतरगढ़ में पिछले 39 दिन से स्थानीय लोग खेजड़ी के पेड़ों की सुरक्षा के लिए धरने पर बैठे हैं। इनका कहना है कि खेजड़ी की सुरक्षा के लिए सरकार कदम उठाए, जब तक सरकार इस दिशा में आश्वासन नहीं देती। तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
'पर्यावरण संरक्षण के लिए खेजड़ी बचाना जरुरी'
राजस्थान में खेजड़ी बचाओ आंदोलन में शामिल लोगों का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए खेजड़ी सहित पेड़-पौधों और वन्यजीवों की सुरक्षा जरुरी है। मगर इस दिशा में सरकार की ओर से कोई ठोस काम नहीं किए जा रहे। पेड़ काटने पर मामूली जुर्माना अदा कर व्यक्ति बच जाता है। जबकि इसमें सजा का प्रावधान होना चाहिए। इसीलिए यह आंदोलन किया गया है, जिससे पेड़ों की सुरक्षा के लिए सरकार कोई कदम उठाए।
अलका देवी विश्नोई कर रहीं आमरण अनशन
बीकानेर और छतरगढ़ में खेजड़ी के पेडो़ं की सुरक्षा के लिए 100 से ज्यादा लोग धरना दे रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि सोलर प्लांट सहित कई अन्य विकास कार्यों के लिए खेजड़ी के पेड़ काटे जा रहे हैं। इससे खेजडी के अस्तित्व को खतरा बना हुआ है। इसे देखते हुए अब लोग खेजड़ी के पेड़ों की सुरक्षा के लिए एकजुट हुए हैं। 150 से ज्यादा लोग धरना दे रहे हैं। वहीं अलका देवी विश्नोई आमरण अनशन पर बैठी हुई हैं।
खेजड़ी की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की मांग
खेजडी बचाओ आंदोलन में शामिल लोगों का कहना है कि खेजड़ी के पेड़ों की सुरक्षा के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए। अगर सरकार की ओर से ठोस कदम नहीं उठाए गए तो खेजड़ी का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। ऐसे में हमारी सरकार से मांग है कि खेजड़ी के पेड़ों को बचाने के लिए सख्त कानून लाया जाए। इस मांग को लेकर कई बार सरकार को पत्र भी लिखे जा चुके हैं। मगर जवाब नहीं मिला। ऐसे में अब जब तक सरकार इस बारे में आश्वासन नहीं दे देती। तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
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