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खाटूश्याम बाबा की शाही सवारी! बीकानेर में तैयार हुआ 125 किलो चांदी का रथ, भक्तों को मिलेगा दिव्य दर्शन

फाल्गुनी एकादशी के पावन अवसर पर बाबा श्याम भक्तों को 125 किलो चांदी से निर्मित भव्य रथ पर सवार होकर दर्शन देंगे।
02:14 PM Mar 09, 2025 IST | Rajesh Singhal

Khatu Shyam Ji Mela 2025:आस्था, भक्ति और दिव्यता के प्रतीक खाटू नरेश बाबा श्याम की सवारी इस बार और भी भव्य होने जा रही है। फाल्गुनी एकादशी के पावन अवसर पर बाबा श्याम भक्तों को 125 किलो चांदी से निर्मित भव्य रथ पर सवार होकर दर्शन देंगे। बीकानेर के नोखा में इस ऐतिहासिक रथ का निर्माण किया गया है, जिसकी लागत करीब 1.5 करोड़ रुपये आई है। इसे बनाने में कुशल कारीगरों ने एक महीने से अधिक का समय लिया, (Khatu Shyam Ji Mela 2025)जिससे इसकी भव्यता और अलौकिकता और भी बढ़ गई है।

श्रद्धालुओं के लिए यह एक अविस्मरणीय क्षण होगा, जब बाबा श्याम अपनी शाही सवारी में विराजमान होकर भक्तों को आशीर्वाद देंगे। यह रथ अब खाटू श्याम मंदिर पहुंच चुका है और भक्तों के बीच इसे लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।

दानदाता ने गुप्त रखा नाम

नोखा सिल्वर वर्क्स के रामगोपाल चांडक व सुनील राहड़ ने बताया कि इस रथ को तैयार करने में प्रतिदिन 8 मजदूरों ने एक माह से अधिक समय तक कार्य किया। यह भव्य रथ नोखा में ही तैयार किया गया, जिसे 7 मार्च को खाटूश्याम के लिए रवाना किया गया था और 8 मार्च को मंदिर पहुंच चुका है। दानदाता का नाम गुप्त रखा गया है, लेकिन उनका योगदान श्रद्धालुओं के बीच आस्था और भक्ति का केंद्र बना हुआ है। इस भव्य रथ का निर्माण सुनील राहड़, पुरुषोत्तम और शिव के सुपरविजन में किया गया है।

जीप में तैयार हुआ नया रथ

सीकर के खाटू श्याम मंदिर में इस बार बाबा श्याम धणी पहली बार चांदी के भव्य रथ पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। इस बार रथ को जीप में तैयार किया गया है, जिससे इसे धक्का लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। भक्तों के लिए यह एक विशेष आकर्षण का केंद्र होगा, जहां वे पहली बार बाबा को इस अनोखे रथ पर विराजित देखेंगे।

पुराने रथ से हो रही थी समस्या

पिछले मेले के दौरान पुराने रथ के पहिए निकलने की समस्या सामने आई थी, जिससे भक्तों को काफी परेशानी हुई थी। इसके अलावा, रथ काफी पुराना भी हो चुका था। इसीलिए इस बार फाल्गुनी एकादशी पर बाबा की सवारी नए और मजबूत चांदी के रथ से निकाली जाएगी। यह भव्य यात्रा श्याम मंदिर से सुबह शुरू होकर प्राचीन श्याम कुंड, अस्पताल चौराहा, पुराना बस स्टैंड से होते हुए मुख्य बाजार कबूतर चौक पर समाप्त होगी।

 

एक बार में बनते हैं 30 किलो चांदी के आइटम

एंटीक चांदी के आइटम बनाने के लिए चांदी को 962 से 1250 डिग्री सेल्सियस तक पिघलाया जाता है। इस प्रक्रिया में एक बार में 30 किलो तक चांदी के आइटम तैयार किए जा सकते हैं। पिघली हुई चांदी को ठंडा करने के लिए इसे पानी में डाला जाता है, जिससे उसकी मजबूती बनी रहती है।

पात मशीन में तैयार होती है चांदी की शीट

चांदी को पिघलाने के बाद पात मशीन में डालकर पतली शीट तैयार की जाती है, जिसमें लगभग 3 से 4 घंटे का समय लगता है। इस शीट को फिर डाई और हाथों से विभिन्न आकारों में ढाला जाता है। इसके बाद इसे हाइड्रोलिक प्रेस मशीन में 10 मिनट से लेकर एक घंटे तक प्रोसेस किया जाता है।

पॉलिशिंग में लगता है सबसे ज्यादा समय

चांदी के आभूषणों और एंटीक आइटमों की चमक बढ़ाने के लिए बफ पॉलिशिंग की जाती है, जो पूरी प्रक्रिया में सबसे ज्यादा समय लेती है। इस प्रक्रिया के बाद आइटम फैक्ट्री के शो-रूम से होते हुए दुकानों तक पहुंचते हैं, जहां से भक्त उन्हें श्रद्धा से खरीदते हैं। इस बार बाबा श्याम की शाही सवारी न केवल चांदी के भव्य रथ पर निकलेगी, बल्कि यह भक्तों के लिए एक ऐतिहासिक और अविस्मरणीय क्षण बनने जा रहा है।

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