विकास के नाम पर आस्था से खिलवाड़! बूंदी में ध्वस्त की गई 600 साल पुरानी छतरी....ग्रामीणों में भारी आक्रोश
Bundi Chhatri: (रियाजुल हुसैन) कोटा-बूंदी सीमा पर स्थित तुलसी गांव में 600 वर्षों से आस्था का केंद्र मानी जाने वाली बूंदी Rao Surajmal Hada Chhatri की प्राचीन छतरी को केडीए ने अचानक ध्वस्त कर दिया। यह छतरी Kota Airport के विस्तार में बाधा बन रही थी। इस कार्रवाई से स्थानीय ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया है, क्योंकि उन्हें पहले से कोई सूचना नहीं दी गई थी। छतरी की ध्वस्त स्थिति देखकर लोग बेहद आहत और नाराज हैं।
"सूचित किए बिना तोड़ी आस्था की धरोहर" - सरपंच
Tulsi village के सरपंच हंसराज बंजारा का कहना है कि छतरी को तोड़ने से पहले केडीए ने पंचायत और ग्रामीणों को सूचित नहीं किया। यह छतरी राव सूरजमल हाड़ा की मूर्ति के साथ एक पूजनीय स्थल थी, जिसकी पूजा 600 सालों से हो रही थी। ग्रामीणों का मानना है कि छतरी को तोड़ने के बजाय सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जा सकता था।
आस्था पर चोट, ग्रामीण करेंगे बड़ा प्रदर्शन
ग्रामीणों में आस्था के इस प्रतीक को तोड़ने से भारी असंतोष है। सरपंच हंसराज ने चेतावनी दी है कि इस अन्यायपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ क्षेत्र के सभी ग्रामीण एकजुट होकर कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। बताया जा रहा है कि इस घटना से आधा दर्जन से अधिक गांवों के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
लोकसभा स्पीकर तक पहुंचा मामला, शिकायत दर्ज
ग्रामीणों और सरपंच ने मामले की गंभीरता को देखते हुए लोकसभा स्पीकर कार्यालय में भी शिकायत दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि केडीए ने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व रखने वाली इस छतरी को नियमों की अनदेखी करते हुए तोड़ा। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि छतरी कोटा एयरपोर्ट विस्तार के तहत हटाई गई है और इसे अन्यत्र स्थानांतरित करने की बात पर पहले सहमति बनी थी।
600 साल पुरानी वीरता की धरोहर - राव सूरजमल हाड़ा की छतरी
यह छतरी 1527-1531 के बीच बनी थी और राव सूरजमल हाड़ा की वीरता की गाथा से जुड़ी है। राव सूरजमल को राणा सांगा के पुत्र रतन सिंह ने धोखे से मार दिया था। उनके बलिदान और शौर्य को स्मरण करते हुए इस छतरी का निर्माण किया गया था, जो सदियों से ग्रामीणों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र रही है।
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